उत्तर प्रदेश
चुनाव आयोग ने रालोद से छीना राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा
- 11 Apr 2023
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चर्चा में क्यों?
10 अप्रैल, 2023 को भारत निर्वाचन आयोग ने एक आदेश जारी करते हुए विधानसभा चुनाव में आठ सीटें जीतने वाली राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) की पार्टी से उत्तर प्रदेश में राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा छीन लिया है। इस आदेश के बाद अब रालोद एक पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल बन गया है।
प्रमुख बिंदु
- आयोग के मुताबिक विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेने वाले दल को कुल वोटों का न्यूनतम छह प्रतिशत हासिल करने पर राज्य स्तर के दल की मान्यता दी जा सकती है। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में रालोद ने आठ सीटों पर जीत हासिल की थी, हालाँकि उसे महज 2.85 प्रतिशत वोट ही हासिल हुआ था। इसी तरह वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में रालोद के हिस्से में कोई सीट नहीं आई थी और उसे महज 1.69 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे।
- वर्तमान में राष्ट्रीय लोकदल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी हैं, जबकि पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव गिरीश चौधरी हैं। इस पार्टी की स्थापना पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बेटे पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजीत सिंह ने की थी।
- विदित है कि वर्ष 2022 में राष्ट्रीय लोकदल पार्टी ने समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ गठबंधन किया था और 33 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिनमें से आठ सीटों पर विजय प्राप्त की थी।
- गौरतलब है कि निर्वाचन आयोग ने भारत राष्ट्र समिति (BRS) से आंध्र प्रदेश में और राष्ट्रीय लोक दल (RLD) से उत्तर प्रदेश में क्षेत्रीय दल का दर्जा वापस लिया है। वहीं रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी को पश्चिम बंगाल में एक राज्य पार्टी के रूप में अमान्य किया गया है।
- साथ ही चुनाव आयोग ने अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को नागालैंड में, टिपरा मोथा पार्टी को त्रिपुरा में और वॉइस ऑफ द पीपुल पार्टी को मेघालय में राज्य स्तरीय पार्टी के रूप में मान्यता मिली है।
- दरअसल चुनाव आयोग ही मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य राजनीतिक दलों के स्टेटस की समीक्षा करता है, जो सिंबल ऑर्डर 1968 के तहत एक सतत् प्रक्रिया है। वर्ष 2019 से अब तक चुनाव आयोग ने 16 राजनीतिक दलों के स्टेटस को अपग्रेड किया है और 9 राष्ट्रीय/राज्य राजनीतिक दलों के करंट स्टेटस को वापस लिया है।
- उल्लेखनीय है कि भारत में सभी राजनीतिक दलों को चुनाव आयोग में रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इस देश में कोई भी चुनाव लड़ सकता है और अपनी पॉलिटिकल पार्टी बना सकता है। इस समय देश में जितनी राजनीतिक पार्टियाँ हैं उन्हें 3 कैटेगरी में बाँटा गया है-
- राष्ट्रीय पार्टी: जिन्हें चुनाव आयोग ने राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया है। भारत में अभी 6 राष्ट्रीय पार्टियाँ हैं।
- क्षेत्रीय पार्टी: जिन्हें चुनाव आयोग से राज्य स्तर की पार्टी का दर्जा मिला हो। भारत में अभी 50 से ज्यादा क्षेत्रीय पार्टियाँ हैं।
- गैर मान्यता प्राप्त पार्टी: ऐसी पार्टियाँ जो चुनाव आयोग में रजिस्टर्ड होती हैं, लेकिन इन्हें मान्यता नहीं मिली होती, क्योंकि या तो ये बहुत नई होती हैं या इन्होंने इतने वोट हासिल नहीं किये होते कि क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा दिया जा सके। अब रालोद भी इसी कैटेगरी में आ गई है।