अंडमान की तर्ज पर मध्य प्रदेश में शहीद स्मृति में नए तीर्थ का उदय | 24 Jan 2022
चर्चा में क्यों?
23 जनवरी, 2022 को सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के अवसर पर जबलपुर स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस सेंट्रल जेल में सुभाष वार्ड और विकसित किये गए संग्रहालय को आम जनता के लिये खोल दिया गया है।
प्रमुख बिंदु
- जिस तरह अंडमान निकोबार स्थित सेल्युलर जेल को वीर सावरकर मेमोरियल के रूप में विकसित किया गया है, उसी तरह जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस सेंट्रल जेल को विकसित किया गया है। इनमें प्रमुख रूप से नेताजी सुभाष चंद्र बोस की उपयोग की गई वस्तुओं जैसे उनके वस्त्र, उन्हें पहनाई गई बेड़ियाँ, उनके हस्तलिखित पत्र और उनकी जेल यात्रा से संबंधित अभिलेख को संकलित कर एक संग्रहालय का स्वरूप दिया गया है।
- इस संग्रहालय से नागरिकों को राष्ट्रभक्ति और देश प्रेम की प्रेरणा मिलेगी। संग्रहालय और नेताजी के कारावास वाले कक्ष के दर्शन के लिये नागरिकों को कोई शुल्क नहीं देना होगा।
- मध्य प्रदेश सरकार की पहल से यह प्रदेश का प्रथम और देश का द्वितीय नेताजी सुभाष चंद्र बोस संग्रहालय होगा। नई दिल्ली में वर्ष 2019 से नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की स्मृति में एक संग्रहालय स्थापित है।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री चौहान ने वर्ष 2007 में जबलपुर जेल का नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर किया था। इसके साथ ही यहाँ स्मारक के निर्माण और विकास की पहल भी प्रारंभ हुई थी।
- 23 जनवरी को ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल स्थित प्रभात चौराहे के पास सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति का अनावरण, आज़ाद हिन्द फौज थीम पार्क का भूमि पूजन एवं शिलान्यास तथा नवनिर्मित रेलवे ओवरब्रिज (फ्लाय ओवर) का लोकार्पण किया।
- लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने बताया कि प्रदेश में 105 आरओबी बनाए जा रहे हैं। भारत सरकार से भी आरओबी निर्माण के लिये राशि मंजूर हुई है। एडीबी की सहायता से प्रदेश में 260 बड़े पुल बनाए जा रहे हैं।