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वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में बनेगा गैंडा और गिद्ध संरक्षण केंद्र, बिहार सरकार ने बनाई ‘राइनो टास्क फोर्स’

  • 19 Sep 2023
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

  • 17 सितंबर, 2023 को मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिहार सरकार ने वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) में गैंडों के संरक्षण के उपाय सुझाने के लिये ‘राइनो टास्क फोर्स’ गठित करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसकी सिफारिशों के आधार पर वीटीआर में गैंडा संरक्षण योजना शुरू होगी।

प्रमुख बिंदु

  • सूत्रों के अनुसार बिहार में गैंडा और गिद्ध संरक्षण को केंद्र सरकार ने अपनी योजना में शामिल कर लिया है। साथ ही आर्थिक मदद के तौर पर पहली किस्त की राशि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को भेजने की शुरुआत भी कर दी है।
  • विभाग ने गैंडा और गिद्ध का संरक्षण फिलहाल वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) में करने की योजना बनाई है। इस पर सैद्धांतिक रूप से काम शुरू हो गया है। अगले दो वर्षों में वीटीआर में गैंडा बाहुल्य क्षेत्रों को पाँच प्रतिशत तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
  • गैंडों को भीड़-भाड़ वाले इलाकों से बाहर निकाला जाएगा और वीटीआर में चिह्नित क्षेत्रों में स्थानांतरित किया जाएगा। संभावित क्षेत्रों के रूप में गनौली और मदनपुर की पहचान की गई है।
  • इस योजना का उद्देश्य गैंडों को प्रजनन और अपनी संख्या बढ़ाने के लिये अधिक जगह उपलब्ध कराना है। फिलहाल वीटीआर में केवल एक गैंडा और पटना चिड़ियाघर में 14 गैंडे हैं।
  • विलुप्त हो रहे गिद्धों को राज्य में संरक्षण के लिये वीटीआर का चयन किया गया है। वहाँ ऐसे स्थानों की पहचान की जा रही है जहाँ गिद्ध दिखते हैं। उन जगहों पर गिद्धों के खाने की व्यापक व्यवस्था की जाएगी। साथ ही टावर बनाकर गिद्धों पर निगरानी रखी जाएगी। एंटी पोचिंग कैंप बनाए जाएंगे। राज्य में फिलहाल गिद्ध वीटीआर के अलावा सुपौल ज़िले में कुछ संख्या में दिखते हैं।
  • पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग एपीसीसीएफ (वाइल्ड लाइफ) प्रभात कुमार गुप्ता ने बताया कि बाघ के बाद राज्य में गैंडा और गिद्ध संरक्षण को केंद्र सरकार ने अपनी योजना में शामिल कर लिया है। अब हर साल आर्थिक मदद मिल सकेगी।
  • गिद्ध संकटग्रस्त प्रजातियों की श्रेणी में आ गए हैं। इनको बचाने के लिये दुनियाभर में प्रयास हो रहे हैं। इनके सहित ‘गैंडा संरक्षण योजना’ पर पिछले साल राज्य योजना से खर्च की गई थी। इसे बचाने के लिये क्षेत्र का चयन किया गया और लोगों में जागरूकता का प्रयास शुरू हुआ।
  • पटना जू में 20 से 22 सितंबर तक ‘राइनो वीक’ मनाया जाएगा। जू प्रशासन ने बताया कि असम से लाए गए ब्लैक पैंथर और राइनो के एडॉप्शन के लिये इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन और एसबीआई को प्रस्ताव भेजा गया है। अगर उनकी सहमति हुई, तो 22 सितंबर को इनका एडॉप्शन समारोह होगा।
  • 20 सितंबर को एक्सपर्ट मीट का आयोजन होगा, जिसमें विभिन्न जू जैसे असम जू, वेस्ट बंगाल, उत्तर प्रदेश, नयी दिल्ली के राइनो एक्सपर्ट भाग लेंगे। 21 सितंबर को राइनो क्विज, राइनो केयर का डिस्प्ले, थीमेटिक पॉट पेंटिंग कंपीटिशन का आयोजन किया जाएगा।
  • विदित है कि हर साल 22 सितंबर को ‘विश्व राइनो दिवस’ मनाया जाता है। पटना जू का राइनो के संरक्षण में अहम योगदान रहा है। यहाँ राइनो ब्रीडिंग सेंटर भी है। ऐसे में यहाँ आने वाले लोगों को इसके बारे में जानने का मौका मिलेगा।

  

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