उत्तराखंड
उत्तराखंड के सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान बने देश के दूसरे सीडीएस
- 29 Sep 2022
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चर्चा में क्यों?
28 सितंबर, 2022 को भारत सरकार ने उत्तराखंड के पौड़ी ज़िले के मूल निवासी लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को देश का अगला (दूसरा) चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त किया है।
प्रमुख बिंदु
- रक्षा मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक अनिल चौहान उनके कार्यभार ग्रहण करने की तिथि और अगले आदेश तक भारत सरकार के सैन्य मामलों से जुड़े विभाग के सचिव के रूप में भी कार्य करेंगे।
- लगभग 40 वर्षों से अधिक के करियर में, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान अनेक कमांड, स्टाफ और सहायक पदों पर रहे हैं और जम्मू-कश्मीर तथा उत्तर-पूर्व भारत में आतंकवाद विरोधी अभियानों में भी उन्हें व्यापक अनुभव रहा है।
- गौरतलब है कि पूर्व सीडीएस जनरल बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर क्रैश में निधन के बाद 9 महीनों से देश का यह सबसे बड़ा सैन्य पद खाली था, जिसकी ज़िम्मेदारी अब रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को सौंपी गई है।
- 18 मई, 1961 को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को 1981 में भारतीय सेना की 11 गोरखा राइफल्स में कमीशन प्रदान किया गया था। वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खड़कवासला और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के पूर्व छात्र हैं।
- मेजर जनरल की रैंक में उन्होंने उत्तरी कमान में महत्त्वपूर्ण बारामुला सेक्टर में एक इन्फैंट्री डिवीज़न की कमान संभाली थी। बाद में लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में उन्होंने उत्तर-पूर्व में एक कोर की कमान संभाली और सितंबर 2019 से पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ बने तथा मई 2021 में सेवा से अपनी सेवानिवृत्ति तक पदभार संभाला।
- इन कमांड नियुक्तियों के अलावा वह महानिदेशक, मिलिट्री ऑपरेशंस के प्रभार समेत महत्त्वपूर्ण स्टाफ नियुक्तियों पर भी रहे। इससे पहले उन्होंने अंगोला में संयुक्त राष्ट्र मिशन के रूप में भी काम किया। वह 31 मई, 2021 को भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हुए। सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद भी, उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक मामलों में योगदान देना जारी रखा।
- सेना में विशिष्ट और शानदार सेवा के लिये लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को परम विशिष्ट सेवा पदक, उत्तम युद्ध सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, सेना पदक और विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया है।