उत्तराखंड
चौखंबा III पर पर्वतारोहियों का बचाव
- 08 Oct 2024
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में दो विदेशी पर्वतारोहियों, मिशेल थेरेसा ड्वोरक (अमेरिका) और फे जेन मैनर्स (ब्रिटेन) को उत्तराखंड के चमोली ज़िले में चौखंबा III चोटी के निकट 6,015 मीटर की ऊँचाई से बचाया गया ।
मुख्य बिंदु
- चौखंबा:
- यह भारत के उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय के गंगोत्री समूह में बद्रीनाथ के पश्चिम में स्थित एक पर्वत शृंखला है। इसमें उत्तर-पूर्व-दक्षिण-पश्चिम रिज के साथ चार शिखर हैं:
- चौखंबा I: 7,138 मीटर (23,419 फीट)
- चौखंबा II: 7,070 मीटर (23,196 फीट)
- चौखंबा III: 6,995 मीटर (22,949 फीट)
- चौखंबा IV: 6,854 मीटर (22,487 फीट)
- यह भारत के उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय के गंगोत्री समूह में बद्रीनाथ के पश्चिम में स्थित एक पर्वत शृंखला है। इसमें उत्तर-पूर्व-दक्षिण-पश्चिम रिज के साथ चार शिखर हैं:
- यह पर्वत गंगोत्री ग्लेशियर के शीर्ष पर स्थित है, जो समूह का पूर्वी आधार है तथा इसकी सबसे ऊँची चोटी चौखंबा I, गंगोत्री शृंखला की सबसे ऊँची चोटी है ।
चमोली ज़िला
- चमोली भारत के उत्तराखंड राज्य का एक जिला है, जिसका प्रशासनिक मुख्यालय गोपेश्वर में स्थित है।
- यह उत्तर में तिब्बत और उत्तराखंड के कई ज़िलों से घिरा है, जिनमें पिथौरागढ, बागेश्वर, अल्मोडा, पौडी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी शामिल हैं।
- चमोली कई धार्मिक और पर्यटन स्थलों जैसे बद्रीनाथ, हेमकुंड साहिब और फूलों की घाटी के लिये प्रसिद्ध है।
- ऐतिहासिक दृष्टि से, चमोली चिपको आंदोलन के जन्मस्थान के रूप में महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है, जो एक अग्रणी पर्यावरण अभियान था।
गंगोत्री ग्लेशियर
- गंगोत्री ग्लेशियर उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले में स्थित है।
- गंगोत्री ग्लेशियर गढ़वाल हिमालय में चौखंबा पर्वतमाला की उत्तरी ढलान से निकलता है। यह लगभग 30 किमी. लंबा और 0.5 से 2.5 किमी. चौड़ा है।
- गंगोत्री एक घाटी ग्लेशियर नहीं है, बल्कि कई अन्य हिमनदों का एक संयोजन है। इस ग्लेशियर में तीन मुख्य सहायक नदियाँ शामिल हैं, जिनके नाम हैं रक्तवरन (15.90 किमी.), चतुरंगी (22.45 किमी.) और कीर्ति (11.05 किमी.) और 18 से अधिक अन्य सहायक ग्लेशियर।
- गंगा की मुख्य सहायक नदियों में से एक भागीरथी गंगोत्री ग्लेशियर से प्रवाहित होती है। गंगा की पाँच मुख्य धाराएँ हैं - भागीरथी, अलकनंदा, मंदाकिनी, धौलीगंगा और पिंडर, ये सभी उत्तरी उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र से निकलती हैं।