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उत्तराखंड

चारधाम तीर्थयात्रा के लिये विनियामक प्रणाली

  • 27 May 2024
  • 2 min read

चर्चा में क्यों?

तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ से मजबूर होकर, उत्तराखंड सरकार वर्ष 2019 के 'देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड' के समान चारधाम तीर्थयात्रा हेतु एक विनियामक प्रणाली शुरू करने के लिये तैयार है, जिसे पुजारियों के विरोध के कारण छोड़ दिया गया था।

मुख्य बिंदु:

  • सरकार ने राज्य में चारधाम और अन्य धार्मिक तीर्थयात्राओं को विनियमित करने हेतु एक 'नए प्राधिकरण या संस्थान' के गठन का सुझाव देने के लिये एक विशेष उच्च-स्तरीय समिति (HLC) का गठन किया है।
  • राज्य सरकार द्वारा गठित HLC को भविष्य में उत्तराखंड में तीर्थयात्राओं के सुचारु और निर्बाध विनियमन पर ध्यान देने का कार्य सौंपा गया है।
  • यह गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिरों के लिये चल रही चारधाम यात्रा में भक्तों के दैनिक प्रवाह की निगरानी तथा विनियमन भी करेगा।

चार धाम यात्रा

  • यमुनोत्री धाम:
    • स्थान: उत्तरकाशी ज़िला।
    • समर्पित: देवी यमुना।
    • गंगा नदी के बाद यमुना नदी भारत की दूसरी सबसे पवित्र नदी है।
  • गंगोत्री धाम:
    • स्थान: उत्तरकाशी ज़िला।
    • समर्पित: देवी गंगा।
    • सभी भारतीय नदियों में सबसे पवित्र मानी जाती है।
  • केदारनाथ धाम:
    • स्थान: रुद्रप्रयाग ज़िला।
    • समर्पित: भगवान शिव
    • मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित है।
    • भारत में 12 ज्योतिर्लिंगों (भगवान शिव के दिव्य प्रतिनिधित्व) में से एक।
  • बद्रीनाथ धाम:
    • स्थान: चमोली ज़िला।
    • पवित्र बद्रीनारायण मंदिर का स्थान।
    • समर्पित: भगवान विष्णु।
    • वैष्णवों के पवित्र तीर्थस्थलों में से एक
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