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उत्तराखंड के 1800 गाँवों में अब रेगुलर पुलिस सँभालेगी कानून-व्यवस्था

  • 03 Jan 2023
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

2 जनवरी, 2023 को उत्तराखंड के अपर गृह सचिव रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि राज्य के 1800 राजस्व गाँवों में कानून व्यवस्था अब रेगुलर पुलिस सँभालेगी। राज्य सरकार ने राजस्व पुलिस की व्यवस्था को समाप्त कर इन गाँवों को रेगुलर पुलिस के अधीन करने के लिये अधिसूचित कर दिया है। 

प्रमुख बिंदु 

  • अपर गृह सचिव रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में लगभग 7500 गाँव ऐसे हैं, जहाँ पर कानून-व्यवस्था का जिम्मा राजस्व पुलिस के पास है। लेकिन अब वर्षों पुरानी राजस्व पुलिस व्यवस्था को समाप्त कर सरकार इन गाँवों को रेगुलर पुलिस के अधीन लाने जा रही है। इन गाँवों में नियमित पुलिस व्यवस्था होने से अपराध व असामाजिक गतिविधियों में कमी आएगी।
  • राज्य में रेगुलर पुलिस की कानून-व्यवस्था के अंतर्गत पहले चरण में 52 थाने और 19 पुलिस चौकियों का सीमा विस्तार किया जाएगा।
  • दूसरे चरण में 6 नए थाने व 20 पुलिस चौकियों का गठन किया जाएगा। इसके तहत नए थाने व चौकियों का गठन कर लगभग 1444 राजस्व ग्राम नियमित पुलिस व्यवस्था के अधीन करने की प्रकिया जल्द पूरी की जाएगी।
  • उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से नियमित पुलिस व्यवस्था के लिये अधिसूचित राजस्व गाँवों में देहरादून ज़िले के 4, उत्तरकाशी के 182, चमोली के 262, टिहरी के 157, पौड़ी के 148, रुद्रप्रयाग के 63, नैनीताल के 39, अल्मोड़ा के 231, पिथौरागढ़ के 595, बागेश्वर के 106 एवं चंपावत के 13 गाँव शामिल हैं।
  • ज्ञातव्य है कि अंकिता भंडारी हत्याकांड में राजस्व पुलिस पर उठे सवालों के बाद सरकार ने इसे रेगुलर पुलिस के अधीन करने का बड़ा निर्णय लिया है।
  • दरअसल, उत्तराखंड को तीन क्षेत्रों में डिवाइड किया गया है। इन तीनों में अलग-अलग अधिनियम लागू होते हैं, जो राजस्व अधिकारियों को गिरफ्तारी और जाँच का अधिकार देते हैं। पहला क्षेत्र है कुमाऊं और गढ़वाल डिवीजन की पहाड़ी पट्टी। दूसरा, टिहरी और उत्तरकाशी ज़िले की पहाड़ी पट्टी और तीसरा क्षेत्र है देहरादून ज़िले का जौनसार-बावर क्षेत्र।
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