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राजस्थान

खाद्य पदार्थों की जाँच के लिये प्रदेश में जल्द खुलेगी रैफरल लैब

  • 02 Mar 2023
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

1 मार्च, 2023 को राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने विधानसभा में आश्वस्त किया कि खाद्य पदार्थों की जाँच के लिये राज्य में शीघ्र ही रैफरल लैब स्थापित की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि राज्य खाद्य जाँच प्रयोगशाला एवं रैफरल लैब द्वारा खाद्य नमूनों की जाँच के लिये अलग-अलग पैरामीटर हैं। राज्य सरकार की ओर से देश भर में एक ही पैरामीटर निश्चित करने के लिये भी केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया है।
  • मंत्री परसादी लाल मीणा ने प्रश्नकाल के दौरान इस संबंध में सदस्य द्वारा पूछे गये पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि राज्य प्रयोगशाला में खाद्य नमूनों की जाँच में अनसेफ आए नमूनों की जाँच रैफरल से कराई जा सकती है। वर्तमान में मुंबई, पुणे तथा मैसूर में रैफरल लैब स्थापित हैं।
  • उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य में सेफ तथा अनसेफ के पैरामीटर अलग-अलग हैं। राज्य प्रयोगशाला में अनसेफ 1202 नमूने रैफरल में भेजे गए थे, जहाँ उनमें से केवल 154 ही अनसेफ पाए गए। केंद्र सरकार द्वारा राज्य में भी रैफरल लैब की शीघ्र स्थापना का आश्वासन दिया गया है।
  • इससे पहले चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने विधायक सूर्यकांता व्यास के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में कहा कि राज्य में खाद्य पदार्थों में मिलावट की जाँच के लिये सरकारी प्रयोगशालाएँ स्थापित हैं। उन्होंने सरकारी प्रयोगशालाओं में गत चार वर्षों में लिये नमूनों तथा उनसे प्राप्त रिपोर्टों का वर्षवार एवं ज़िलेवार विवरण सदन के पटल पर रखा।
  • चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने उक्त रिपोर्ट से राज्य की खाद्य प्रयोगशालाओं द्वारा अनसेफ घोषित नमूनों से रेफरल लैब में भेजे जाने पर प्राप्त रेफरल से निर्णयों, अमानक एवं मानक माने गए नमूनों की वर्षवार एवं ज़िलेवार सूचना भी सदन के पटल पर रखी।
  • परसादी लाल मीणा ने कहा कि खाद्य संरक्षा एवं मानक अधिनियम की धारा-46(4) में खाद्य विश्लेषक की रिपोर्ट के विरूद्ध अपील संबंधित अभिहित पदाधिकारी को किये जाने के प्रावधान है। इन प्रावधानों के तहत संबंधित अभिहित अधिकारी द्वारा अपील किये जाने पर नमूनों की जाँच अभिहित अधिकारी द्वारा रेफरल प्रयोगशाला से करवाई जा सकती है। एफएसएसएआई द्वारा राज्य के लिये मैसूर, पूणे एवं नवी मुंबई तीन रैफरल लैब नियत की गई हैं।
  • उन्होंने बताया कि प्रदेश की प्रयोगशाला व रैफरल प्रयोगशाला के नतीजो में भिन्नता का मुख्य कारण अलग-अलग पैरामीटर्स पर जाँच करना है एवं नमूनों की जाँच के उपरांत प्राप्त जाँच परिणामों के लिये जाँचकर्त्ता अधिकारी द्वारा अपनी राय देने के लिये प्राप्त परिणामों की व्याख्या भिन्न-भिन्न किया जाना भी एक कारण है।
  • चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य में रैफरल लैब की स्थापना हेतु एफएसएसएआई नई दिल्ली को वर्क प्लान 2023-24 में एमओयू के अंतर्गत प्रस्ताव प्रेषित किये गए हैं।
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