राज्य वन्यजीव बोर्ड का पुनर्गठन | 03 Dec 2022
चर्चा में क्यों?
2 दिसंबर, 2022 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड राज्य वन्यजीव बोर्ड का पुनर्गठन कर दिया गया है। इनमें तीन गैर सरकारी संगठनों और सात गैर सरकारी सदस्यों को दो साल के लिये नामित किया गया है। इस संबंध में शासन की ओर से निर्देश जारी कर दिये गए हैं।
प्रमुख बिंदु
- वन सचिव विजय यादव की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत राज्य वन्यजीव बोर्ड का पुनर्गठन किया गया है। अधिनियम में दी गई व्यवस्था के तहत दो वर्ष के लिये सदस्यों को नामित किये जाने की राज्यपाल की ओर से स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।
- गौरतलब है कि राज्य वन्यजीव बोर्ड के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होते हैं, जबकि उपाध्यक्ष वन मंत्री होते हैं। इसके अलावा राज्य के पुलिस महानिदेशक सहित कुल 15 पदेन सदस्य और 16 सदस्य राज्य सरकार की ओर से नामित किये जाते हैं। इसके अलावा तीन विधानमंडल दल के सदस्य, तीन गैर सरकारी संगठनों के सदस्य और सात सदस्य पारिस्थितिकी विज्ञानी, पर्यावरणविद एवं संरक्षण विज्ञानी नामित किये जाते हैं।
- राज्य वन्यजीव बोर्ड में नामित किये गए गैर सरकारी संस्थाएँ हैं-
- डब्ल्यूडब्लयूएफ इंडिया, विश्व प्रकृति निधि, भारत
- हिमालयन एनवायरनमेंट स्टडीज एंड कंजरवेशन आर्गेनाइजेशन (हेस्को), देहरादून
- हिमालय एक्सन रिसर्च सेंटर, देहरादून
- राज्य वन्यजीव बोर्ड में नामित किये गए गैर सरकारी सदस्य हैं-
- अनूप शाह, नैनीताल (जाने-माने फोटोग्राफर)
- अनिल कुमार दत्त (सेवानिवृत्त आईएफएस)
- बीएस बोनाल (सेवानिवृत्त अपर महानिदेशक, वन्यजीव)
- फैज आफताब, देहरादून
- मंयक तिवारी, नैनीताल
- संजय सोंधी, तितली ट्रस्ट, देहरादून
- ओम प्रकाश भट्ट, सर्वोदय केंद्र चमोली
- विदित है कि वन विभाग की ओर से अत्तूबर में नए सदस्यों का शामिल करने का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा गया था।