मध्य प्रदेश
रानी कमलापति रेलवे स्टेशन
- 16 Nov 2021
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चर्चा में क्यों?
15 नवंबर, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल में पुनर्विकसित विश्वस्तरीय रानी कमलापति (पूर्व में हबीबगंज) रेलवे स्टेशन का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि रानी कमलापति रेलवे स्टेशन देश का पहला आईएसओ सर्टिफाइड एवं पीपीपी मॉडल पर विकसित रेलवे स्टेशन है। यह स्टेशन प्रदेश का प्रथम और देश का दूसरा विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन है।
- इस दौरान भारतीय रेलवे द्वारा विकसित की गई परियोजनाओं पर केंद्रित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। फिल्म में स्टेशन पर मिलने अत्याधुनिक सुविधाओं के बारे में बताया गया।
- रानी कमलापति रेलवे स्टेशन को पीपीपी मॉडल पर पुनर्विकसित किया गया है। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 450 करोड़ रुपए है। यह रेलवे स्टेशन सार्वजनिक-निजी साझेदारी के तहत बना देश का पहला मॉडल स्टेशन है।
- इस रेलवे स्टेशन पर एयर कॉनकोर बनाया गया है, जिसमें 700 यात्री एक साथ बैठकर ट्रेन का इंतज़ार कर सकते हैं। सभी पाँच प्लेटफॉर्म को इस कॉनकोर से एस्केलेटर और सीढ़ियों के ज़रिये जोड़ा गया है। ट्रेनों से आने वाले करीब 1500 यात्री एक साथ स्टेशन के अंडरग्राउंड सब-वे से गुज़र सकेंगे। स्टेशन में ऐसे दो सब-वे बनाए गए हैं, जिनके द्वारा भीड़ के दबाव को भी कम किया जा सकेगा।
- रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर फूड रेस्टोरेंट, एसी वेटिंग रूम से लेकर रिटायरिंग रूम और डॉरमेट्री समेत वीआईपी लाउंज भी बनाया गया है। सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए स्टेशन पर लगभग 160 सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं, जो स्टेशन के अंदर और बाहर 24 घंटे नज़र रखेंगे।
- प्रधानमंत्री ने इस मौके पर रेलवे की चार परियोजनाएँ राष्ट्र को समर्पित कीं। इनमें गेज परिवर्तित एवं विद्युतीकृत उज्जैन-फतेहाबाद, चन्द्रावतीगंज ब्राडगेज रेलखंड, भोपाल-बरखेड़ा रेलखंड का तिहरीकरण, गेज परिवर्तित एवं विद्युतीकृत मथैला निमारखेड़ी ब्राडगेज रेल खंड एवं विद्युतीकृत गुना-ग्वालियर रेलखंड परियोजनाएँ शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने दो मेमू ट्रेनों उज्जैन-इंदौर एवं इंदौर-उज्जैन को वर्चुअली हरी झंडी दिखाकर भी रवाना किया।
- इन परियोजनाओं के शुभारंभ से रेलवे पर दवाब कम होगा एवं आमजनों को बेहतर सुविधाएँ मिल सकेंगी। भारतीय रेल सिर्फ दूरियों को कनेक्ट करने का माध्यम नहीं है, बल्कि ये देश की संस्कृति, देश के पर्यटन और तीर्थाटन को कनेक्ट करने का भी अहम माध्यम बन रहा है।
- इन परियोजनाओं से पर्यटकों के लिये अच्छी कनेक्टेविटी मिल सकेगी। महाकाल के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं एवं अप-डाउन करने वाले हज़ारों यात्रियों, व्यापारियों और किसानों को परियोजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा।
- ज्ञातव्य है कि रानी कमलापति एक गोंड रानी थीं जिनका विवाह गिन्नौरगढ़ के राजा के साथ हुआ था। उन्हें गोंड राजवंश की अंतिम हिन्दू रानी माना जाता है।