रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य को टाइगर रिज़र्व बनाए जाने की सैद्धांतिक स्वीकृति | 11 Feb 2022
चर्चा में क्यों?
10 फरवरी, 2022 को राजस्थान के वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी ने विधानसभा में कहा कि बूंदी ज़िले में स्थित रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य को टाईगर रिज़र्व बनाए जाने की केंद्र सरकार द्वारा सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई है।
प्रमुख बिंदु
- मंत्री हेमाराम चौधरी ने बताया कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) द्वारा वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 38 के प्रावधान के अंतर्गत 5 जुलाई, 2021 को रामगढ़ विषधारी वन्य जीव अभयारण्य व निकटवर्ती क्षेत्रों को टाइगर रिज़र्व बनाए जाने की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई है।
- एनटीसीए द्वारा प्रदान की गई स्वीकृति के क्रम में राज्य सरकार द्वारा रामगढ़ विषधारी टाइगर रिज़र्व के क्रिटिकल टाइगर हैबीटैट (कोर) एवं बफर क्षेत्र के निर्धारण हेतु धारा 38 वी (4) के अनुसार विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया।
- इस समिति द्वारा रामगढ़ विषधारी टाइगर रिज़र्व, ज़िला बूंदी के कोर (सी.टी.एच.) तथा बफर क्षेत्र के निर्धारण हेतु 24 जनवरी, 2022 को राज्य सरकार को रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है। समिति की रिपोर्ट का परीक्षण कर राज्य सरकार द्वारा वन्यजीव (सुरक्षा) अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जा रही है।
- उल्लेखनीय है कि रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान के लिये एक बफर की तरह काम करता है, जो भारत के सबसे प्रसिद्ध वन्यजीव अभयारण्यों में से एक है। यह लगभग 252 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करता है।
- राजस्थान सरकार ने इसे 20 मई, 1982 को राजस्थान वन्य प्राणी और पक्षी संरक्षण अधिनियम, 1951 की धारा 5 के अंतर्गत अभयारण्य घोषित किया था।
- रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य में वनस्पति और विभिन्न जीवों, जैसे- भारतीय भेड़िया, तेंदुआ, धारीदार लकड़बग्घा, सुस्त भालू, गोल्डन जैकल, चिंकारा, नीलगाय और लोमड़ी जैसे विभिन्न प्रकार के जंगली जानवरों को देखा जा सकता है।