देश का 52वाँ टाइगर रिज़र्व बना रामगढ़ विषधारी अभयारण्य | 17 May 2022
चर्चा में क्यों?
16 मई, 2022 को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि राजस्थान के बूंदी ज़िले में स्थित रामगढ़ विषधारी अभयारण्य को देश का 52वाँ टाइगर रिज़र्व घोषित किये जाने की अधिसूचना जारी कर दी गई है।
प्रमुख बिंदु
- अधिसूचना के बाद रामगढ़ विषधारी अभयारण्य राजस्थान का चौथा टाइगर रिज़र्व बन गया है। मौज़ूदा समय में राजस्थान में रणथंभौर, सरिस्का और मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिज़र्व हैं।
- गौरतलब है कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) द्वारा वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 38 के प्रावधान के अंतर्गत 5 जुलाई, 2021 को रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य व निकटवर्ती क्षेत्रों को टाइगर रिज़र्व बनाए जाने की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई थी।
- एनटीसीए द्वारा प्रदान की गई, स्वीकृति के क्रम में राज्य सरकार द्वारा रामगढ़ विषधारी टाइगर रिज़र्व के क्रिटिकल टाइगर हैबीटैट (कोर) एवं बफर क्षेत्र के निर्धारण हेतु विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया।
- इस समिति द्वारा रामगढ़ विषधारी टाइगर रिज़र्व, ज़िला बूंदी के कोर तथा बफर क्षेत्र के निर्धारण हेतु 24 जनवरी, 2022 को राज्य सरकार को रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।
- उल्लेखनीय है कि नए अधिसूचित रामगढ़ विषधारी टाइगर रिज़र्व में पूर्वोत्तर में रणथंभौर टाइगर रिज़र्व और दक्षिण की तरफ मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिज़र्व के बीच बाघों का अधिवास शामिल है।
- राजस्थान सरकार ने इसे 20 मई, 1982 को राजस्थान वन्य प्राणी और पक्षी संरक्षण अधिनियम, 1951 की धारा 5 के अंतर्गत अभयारण्य घोषित किया था।
- यह अभयारण्य बाघ संरक्षण के अलावा पारिस्थितिकी तंत्र के साथ-साथ पुष्प प्रजातियों के लिये भी खासा प्रसिद्ध है। अभयारण्य में भारतीय भेड़िया, तेंदुआ, धारीदार लकड़बग्घा, चीतल, सांभर, सुस्त भालू, गोल्डन जैकल, चिंकारा, नीलगाय, लोमड़ी, जंगली बिल्लियाँ, लंगूर, सांप, मगरमच्छ सहित 500 प्रकार के वन्यजीव मौज़ूद हैं।