राखीगढ़ी | 25 Feb 2022

चर्चा में क्यों?

23 फरवरी, 2022 को प्रख्यात पुरातत्त्वविद् वसंद् शिंदे ने बताया कि हरियाणा के हिसार स्थित राखीगढ़ी में हुए शोध को ‘इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ जीनोमिक’जर्नल ने ‘नाइन ब्रेक थ्रू रिसर्च’की सूची में तथा प्रतिष्ठित जर्नल ‘साइंस’ने ‘शीर्ष 10’ में शामिल किया है।

प्रमुख बिंदु 

  • राखीगढ़ी भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा हड़प्पा स्थल है। यह स्थल सरस्वती नदी के मैदानी क्षेत्र में स्थित है, जो मौसमी घग्गर नदी से लगभग 27 किमी. दूर है।
  • 6000 ईसा पूर्व (पूर्व-हड़प्पा चरण) से 2500 ईसा पूर्व तक इसके क्रमिक विकास का अध्ययन करने के लिये एएसआई के पुरातत्त्वविद् अमरेंद्र नाथ के नेतृत्व में राखीगढ़ी में खुदाई की गई।
  • उल्लेखनीय है कि प्रो. शिंदे ने राखीगढ़ी से संबंधित शोधों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। प्रो. शिंदे भारतीय इतिहास से संबंधित इन शोधों पर एक पुस्तक ‘हिस्ट्री ऑफ इंडिया’का लेखन भी कर रहे हैं।
  • प्रो. शिंदे ने बताया कि- 
    • राखीगढ़ी, लोथल गिलुंड, नुजात आदि स्थलों पर हुई खुदाई में मिले अवशेषों, साक्ष्यों और कंकालों की डीएनए रिपोर्ट से यह साबित हो चुका है कि हड़प्पा सभ्यता विश्व की सबसे प्राचीन और सर्वाधिक विकसित सभ्यता थी।
    • आर्यों के आक्रमण और बाहर से आने का सिद्धांत मनगढ़ंत और झूठा है जिसकी पुष्टि पुरातत्त्व और डीएनए की वैज्ञानिक जाँच के आधार पर की जा चुकी है।