सेवा प्रदायगी और जन अभियोग निराकरण में राजस्थान देश में अव्वल | 07 Jan 2023
चर्चा में क्यों?
6 जनवरी, 2023 को राजस्थान के जन अभियोग निराकरण विभाग के राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने बताया कि भारत सरकार द्वारा चलाए गए अभियान ‘सुशासन सप्ताह- प्रशासन गाँवों की ओर- 2022’ के तहत राजस्थान ने दो श्रेणियों- सेवा प्रदायगी (सर्विस डिलीवरी) एवं जन अभियोग निराकरण में संपूर्ण देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
प्रमुख बिंदु
- जन अभियोग निराकरण विभाग के राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने बताया कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2022 के दौरान चलाए गए ‘सुशासन सप्ताह- प्रशासन गाँवों की ओर’ अभियान के दौरान संपूर्ण देश में जन अभियोग (Public Grievances)के 53 लाख 80 हज़ार प्रकरण निस्तारित किये गए, जिसमें से राजस्थान ने 23 लाख 36 हज़ार प्रकरण निस्तारित कर प्रथम स्थान प्राप्त किया।
- सेवा प्रदायगी (Service Delivery) के पूरे देश में वर्ष 2022 में अभियान के दौरान 310 लाख प्रकरण निस्तारित हुए, जिसमें से राजस्थान ने सेवा प्रदायगी के 149 लाख आवेदन निस्तारित कर प्रथम स्थान प्राप्त किया।
- उन्होंने बताया कि सेवा प्रदायगी में ज़िला अलवर 16 लाख 45 हज़ार प्रकरण निस्तारित कर प्रथम स्थान पर जबकि जयपुर 14 लाख 53 हज़ार प्रकरण निस्तारित कर द्वितीय तथा सीकर ज़िला 12 लाख 92 हज़ार प्रकरण निस्तारित कर तृतीय स्थान पर रहा।
- इसी प्रकार जन अभियोग निराकरण में ज़िला जयपुर 2लाख 62 हज़ार प्रकरण निस्तारित कर प्रथम स्थान पर, जोधपुर एक लाख 19 हज़ार प्रकरण निस्तारित कर द्वितीय और अलवर ज़िला एक लाख 17 हज़ार प्रकरण निस्तारित कर तृतीय स्थान पर रहा।
- उल्लेखनीय है कि राज्य को अग्रणी बनाने में जन अभियोग निराकरण विभाग के राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग द्वारा प्रत्येक माह वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से की जाने वाली संभाग स्तरीय समीक्षा का बहुत बड़ा योगदान रहा। इससे फील्ड के अधिकारियों में आमजन की परिवेदनाओं के प्रति संवेदनशीलता में वृद्धि हुई।
- राज्य स्तरीय जन अभियोग निराकरण समिति के अध्यक्ष पुखराज पाराशर ने कहा कि जन शिकायतों के निवारण के लिये राजस्थान संपर्क पोर्टल पर 24×7 शिकायत दर्ज करने की सुविधा दी गई है तथा मिशन मोड में प्रत्येक माह में त्रिस्तरीय जनसुनवाई ग्राम स्तर, उपखंड स्तर एवं ज़िला स्तर पर की जा रही है।
- निदेशक लोक सेवाएँ एवं संयुक्त शासन सचिव डॉ. ओमप्रकाश बैरवा ने बताया कि संवेदनशील, पारदर्शी एवं जवाबदेह सुशासन की स्थापना के लिये लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी को अधिनियमित करने वाले अग्रणी राज्यों में रहते हुए राजस्थान वर्ष 2011 में राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम लाने के साथ ही 2012 में सुनवाई का अधिकार अधिनियम लाने वाला प्रथम राज्य है।
- उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में आमजन को राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम के तहत अधिसूचित 308 सेवाओं की समयबद्ध प्रदायगी के साथ ही त्वरित एवं पारदर्शी व्यवस्था के तहत 624 सेवाओं की प्रदायगी ऑनलाइन की जा रही है, ताकि आमजन को दूरस्थ कार्यालयों में बार-बार चक्कर नहीं लगाना पड़े।