राजस्थान को मिलेगा यमुना का जल | 04 Mar 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य को हरियाणा के साथ वर्ष 1994 के समझौते में निर्दिष्ट आवंटन के अनुसार यमुना के जल में हिस्सा मिलेगा।
मुख्य बिंदु:
- हरियाणा और राजस्थान ने हाल ही में भूमिगत पाइपलाइनों के माध्यम से हरियाणा के हथिनीकुंड से राजस्थान के हिस्से के यमुना जल के हस्तांतरण तथा झुंझुनू एवं चुरू जैसे क्षेत्रों में इसके उपयोग के लिये संयुक्त रूप से एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने हेतु एक समझौते पर हस्ताक्षर किये।
- 17 फरवरी 2024 को हरियाणा और राजस्थान के CM के बीच एक बैठक के बाद समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये गए।
- 12 मई, 1994 को सह-बेसिन राज्यों के बीच जल हिस्सेदारी आवंटित करने वाले MOU पर हस्ताक्षर होने के बाद से जल बँटवारे का मुद्दा दो दशकों से अधिक समय से विवाद का विषय रहा है।
सतलुज-यमुना लिंक नहर
- यह मुद्दा वर्ष 1981 के एक विवादास्पद जल-बँटवारे समझौते से उपजा है, जब वर्ष 1966 में हरियाणा को पंजाब से अलग किया गया था।
- पंजाब:
- पंजाब पड़ोसी राज्यों के साथ किसी भी अतिरिक्त जल के बँटवारे का कड़ा विरोध करता है। वे इस बात पर ज़ोर देते हैं कि पंजाब में अतिरिक्त जल की कमी है और पिछले कुछ वर्षों में उनके जल आवंटन में कमी हुई है।
- वर्ष 2029 के बाद पंजाब के कई क्षेत्रों में जल समाप्त हो सकता है तथा सिंचाई के लिये राज्य पहले ही अपने भूजल का अत्यधिक दोहन कर चुका है क्योंकि गेहूंँ और धान की खेती करके यह केंद्र सरकार को प्रत्येक वर्ष लगभग 70,000 करोड़ रुपए मूल्य का अन्न भंडार उपलब्ध कराता है।
- राज्य के लगभग 79% क्षेत्र में पानी का अत्यधिक दोहन है और ऐसे में सरकार का कहना है कि किसी अन्य राज्य के साथ पानी साझा करना असंभव है।
- हरियाणा:
- पंजाब, हरियाणा के हिस्से का जल उपयोग कर रहा है, इसलिये हरियाणा बढ़ते जल संकट का हवाला देते हुए नहर के कार्य को पूरा करने की मांग करता है।
- हरियाणा का तर्क है कि राज्य में सिंचाई के लिये जल उपलब्ध कराना कठिन है और हरियाणा के दक्षिणी हिस्सों में पीने के पानी की समस्या है जहांँ भूजल स्तर 1,700 फीट तक कम हो गया है।
- हरियाणा केंद्रीय खाद्य पूल (Central Food Pool) में अपने योगदान का हवाला देता रहा है और तर्क देता है कि एक न्यायाधिकरण द्वारा किये गए मूल्यांकन के अनुसार उसे उसके जल के उचित हिस्से से वंचित किया जा रहा है।
यमुना नदी
- यमुना नदी उत्तर भारत में गंगा की प्रमुख सहायक नदियों में से एक है।
- यह विश्व के व्यापक जलोढ़ मैदानों में से एक यमुना-गंगा मैदान का एक अभिन्न भाग है।
- स्रोत: इसका स्रोत निचली हिमालय पर्वतमाला में बंदरपूंँछ शिखर के दक्षिण-पश्चिमी किनारों पर 6,387 मीटर की ऊँचाई पर यमुनोत्री ग्लेशियर में स्थित है।
- बेसिन: यह उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली से प्रवाहित होते हुए उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संगम (जहाँ कुंभ मेला आयोजित होता है) स्थल पर गंगा में मिल जाती है।
- महत्त्वपूर्ण बाँध: लखवार-व्यासी बाँध (उत्तराखंड), ताजेवाला बैराज बाँध (हरियाणा) आदि।
- महत्त्वपूर्ण सहायक नदियाँ: चंबल, सिंध, बेतवा और केन।
- यमुना नदी से संबंधित सरकारी पहल:
- यमुना एक्शन प्लान
- फरवरी 2025 तक यमुना को साफ करने के लिये दिल्ली सरकार की छह सूत्री कार्य योजना