राजस्थान के तापीय विद्युतगृहों को मिलेगा छत्तीसगढ़ से कोयला | 08 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम को छत्तीसगढ़ के सरगुजा स्थित परसा कोल ब्लॉक में खनन कार्य आरंभ करने के लिये छत्तीसगढ़ सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से क्लियरेंस मिल गई है। इस नए ब्लॉक में कोयले का खनन कार्य आरंभ होते ही राज्य के तापीय विद्युतगृहों के लिये अतिरिक्त कोयला मिलने लगेगा।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पिछले दिनों 25 मार्च को ऊर्जा मंत्री भँवर सिंह भाटी व अधिकारियों के साथ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से परसा कोल ब्लॉक और परसा ईस्ट कांटा बासन कोल ब्लॉक द्वितीय चरण में कोयले का खनन आरंभ करने की शीघ्र अनुमति देने का आग्रह किया था।
- छत्तीसगढ़ सरकार ने अगले दिन ही पारसा ईस्ट कांटा बासन कोल ब्लॉक के द्वितीय चरण की कोल माइनिंग की अनुमति दे दी, वहीं 6 अप्रैल को राज्य के नए कोल ब्लॉक परसा कोल ब्लॉक में भी कोयला खनन की अनुमति दी है।
- विद्युत उत्पादन निगम को कोयला खनन की आवश्यक तैयारियाँ शीघ्र पूरी करने के निर्देश दे दिये गए हैं और आवश्यक तैयारियाँ आरंभ कर दी गई हैं।
- एसीएस माइंस, पेट्रोलियम व एनर्जी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम को 841.538 हेक्टेयर क्षेत्र का छत्तीसगढ़ के सरगुजा परसा कोल ब्लॉक 2015 में आवंटित किया गया था। केंद्र सरकार व छत्तीसगढ़ सरकार से क्लीयरेंस मिलने के बाद इस नए ब्लॉक में खनन कार्य किया जाएगा।
- इस नए परसा कोल ब्लॉक से कोयले का उत्पादन आरंभ होने पर राज्य को प्रतिदिन करीब 2.7 रैक कोयले की मिल सकेगी। एक अनुमान के अनुसार इस ब्लॉक में 5 मिलियन टन प्रतिवर्ष कोयले का उत्पादन होने की संभावना है। इस नए ब्लॉक से कोयले की सालाना एक हज़ार रैक मिलेगी।
- उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार को परसा ईस्ट व कांता बेसिन में फेज वन में कोयला लगभग समाप्त हो जाने के कारण कोयले का संकट गहराने लगा था। परसा ईस्ट कांता बेसिन के दूसरे चरण के 1136 हेक्टेयर वन भूमि में वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग की क्लियरेंस भी पिछले दिनों मिल गई है।