गणतंत्र दिवस परेड के लिये राजस्थान की झाँकी | 30 Jan 2024
चर्चा में क्यों ?
26 जनवरी 2024 को गणतंत्र दिवस परेड में राजस्थान की झाँकी में रेगिस्तानी राज्य की मनमोहक सांस्कृतिक परंपराओं, आकर्षक हस्तशिल्प और विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों को दर्शाया गया।
मुख्य बिंदु:
- ‘‘विकसित भारत मैं – पधारो म्हारे देश…राजस्थान’’ थीम पर आधारित झाँकी में राज्य की पर्यटन क्षमता को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया।
- यह झाँकी राजस्थान की उत्सवधर्मी संस्कृति के साथ-साथ महिला हस्तशिल्प उद्योगों के विकास का प्रदर्शन थी, जिसमें सांस्कृतिक और स्थापत्य विरासत की सुंदर झलक मिलती थी।
- झाँकी के पिछले भाग में भक्ति एवं शक्ति की प्रतीक मीरा बाई की सुंदर प्रतिमा प्रदर्शित की गयी थी।
- राज्य की समृद्ध हस्तशिल्प परंपराएँ, जिनमें बंधेज, बगरू प्रिंट और एप्लिक वर्क शामिल हैं, जो महिलाओं द्वारा कुशलतापूर्वक तैयार की जाती हैं, "राजस्थान की महिलाओं" की उद्यमशीलता को दर्शाती हैं।
- झाँकी में ‘गोरबंद’ से सजे दो ऊँटों के मॉडल थे, जो राजस्थान में प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाले ‘ऊँट उत्सव’ की विरासत को दर्शाते हैं।
- संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2024 को ‘अंतर्राष्ट्रीय कैमलिड्स’ वर्ष भी घोषित किया है।
मीराबाई
- वह भारत के भक्ति आंदोलन की प्रमुख संत, कवयित्री और भगवान कृष्ण की भक्त थीं।
- उन्हें भक्ति आंदोलन में एक प्रमुख प्रसिद्धि हासिल हुई, एक आध्यात्मिक और भक्ति आंदोलन जिसने परमात्मा के साथ व्यक्तिगत संबंध पर ज़ोर दिया तथा मोक्ष प्राप्त करने के साधन के रूप में प्रेम एवं भक्ति का समर्थन किया।
अंतर्राष्ट्रीय कैमलिड्स वर्ष 2024
- संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2024 को अंतर्राष्ट्रीय कैमलिड्स वर्ष के रूप में नामित किया है।
- यह वर्ष पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा, जैव विविधता के संरक्षण, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और जलवायु परिवर्तन के अनुकूल ऊँटों की महत्त्वपूर्ण भूमिका के बारे में जनता तथा नीति निर्माताओं की जागरूकता बढ़ाने पर केंद्रित है।