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राजस्थान

राजस्थान कारागार विधेयक-2023 ध्वनिमत से पारित

  • 20 Jul 2023
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

18 जुलाई, 2023 को राजस्थान विधानसभा में राजस्थान कारागार विधेयक-2023 पर चर्चा के बाद सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया।  

प्रमुख बिंदु  

  • इस अवसर पर कारागार मंत्री टीकाराम जूली ने बताया कि प्रदेश की जेलों में बंदियों के लिये सुधारात्मक उपबंध, मूलभूत मानवाधिकारों के हक, उनके कौशल विकास एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम को सुनिश्चित करने के लिये राजस्थान कारागार विधेयक-2023 लाया गया है। 
  • विदित है कि वर्तमान में राज्य में 129 वर्ष पुराना प्रशासन एवं प्रबंधन कारागार अधिनियम-1894 एवं 63 वर्ष पुराना राजस्थान बंदी अधिनियम-1960 प्रभावी है।  
  • इन अधिनियमों में समय-समय पर किये गए विभिन्न संशोधनों को एकजाई कर राजस्थान कारागार विधेयक-2023 लाया गया है। यह विधेयक बंदियों के साथ ही जेलों में कार्यरत अधिकारियों-कर्मचारियों के लिये कार्य करेगा। 
  • कारागार मंत्री ने कहा कि विभाग द्वारा बंदी सुधार के लिये विभिन्न नवाचार किये जा रहे हैं, ताकि सजा पूरी होने के बाद उन्हें रोज़गार मिल सके। खुला बंदी शिविर, कौशल विकास कार्यक्रम एवं जेलों में पेट्रोल पंप खोलना इस दिशा में किये गए महत्त्वपूर्ण नवाचार हैं। खुले शिविर के मामले में राजस्थान पूरे देश में पहले स्थान पर है। देश के लगभग 40 प्रतिशत खुले बंदी शिविर राजस्थान में हैं।  
  • प्रदेश की जेलों में बंदियों द्वारा एलईडी बल्ब बनाये जा रहे हैं, जो बाजार से कम दाम पर उपलब्ध हैं। शीघ्र ही डूंगरपुर एवं झालावाड़ में नई जेलों का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। 
  • प्रदेश में जेलों में सुविधाओं का विस्तार तीव्र गति से किया जा रहा है। प्रदेश की 96 प्रतिशत जेलों में वीसी के माध्यम से पेशी की सुविधा उपलब्ध है और जल्द ही शेष जेलों में भी यह सुविधा स्थापित कर ली जाएगी। साथ ही जेलों में सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासनिक, पुलिस एवं न्यायिक अधिकारियों द्वारा निरंतर निरीक्षण किये जा रहे हैं। 
  • इससे पहले सदन ने विधेयक को जनमत जानने के लिये परिचालित करने का प्रस्ताव ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया।
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