राजस्थान सौर ऊर्जा में नंबर वन | 23 Sep 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में जारी भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) की एक रिपोर्ट में राजस्थान 7737.95 मेगावाट सौर ऊर्जा की स्थापित क्षमता के साथ कर्नाटक को पीछे छोड़ते हुए देश में पहले पायदान पर आ गया है।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि MNRE की रिपोर्ट में गुजरात 5708 मेगावाट क्षमता के साथ तीसरे, तमिलनाडु 4675 मेगावाट क्षमता के साथ चौथे तथा आंध्र प्रदेश 4380 मेगावाट के साथ पाँचवे स्थान पर है।
- कोविड-19 की विषम परिस्थितियों के बावजूद विगत मात्र आठ माह में ही राजस्थान में 2348.47 मेगावाट नई सौर ऊर्जा की क्षमता स्थापित की गई है।
- राजस्थान ने वर्ष 2021 में सौर ऊर्जा के ग्राउंड माउंट, रूफ टॉप और ऑफ ग्रिड सहित सभी क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति दर्ज की है।
- ग्रीन एनर्जी-क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में राजस्थान को अग्रणी बनाने की दिशा में राज्य की सौर ऊर्जा नीति-2019 निवेशकों के लिये काफी महत्त्वपूर्ण रही है। साथ ही, रिप्स-2019 के प्रावधानों से प्रदेश में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आया है। इस नीति के तहत अप्रैल 2021 में प्रदेश में हाईब्रिड ऊर्जा के क्षेत्र में 34 हज़ार 200 करोड़ रुपए के कस्टमाइज्ड निवेश प्रस्तावों को मंज़ूरी दी गई। इनमें से अधिकतर सौर ऊर्जा से संबंधित हैं।
- सौर ऊर्जा को प्रोत्साहन देने की नीतियों का परिणाम रहा है कि राजस्थान इस क्षेत्र में देश और दुनिया के निवेशकों के लिये पसंदीदा डेस्टिनेशन बन गया है। इस अवधि में रिकॉर्ड 10 हज़ार करोड़ रुपए का निवेश इस क्षेत्र में हुआ है।
- उल्लेखनीय है कि सौर ऊर्जा उत्पादन की दृष्टि से राजस्थान की अनुकूल भौगोलिक स्थितियों को देखते हुए प्रदेश में 142 गीगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का आकलन किया गया है। इस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा कारगर योजना बनाई गई है। योजना के तहत 2024-25 तक 30 गीगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जो देश के ऊर्जा परिदृश्य को पूरी तरह बदल देगा।