राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियम-2017 के विभिन्न नियमों में संशोधन को मिली मंज़ूरी | 29 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
28 जुलाई, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियमावली में संशोधन के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी।
प्रमुख बिंदु
- उक्त संशोधनों से खनिजों का वैज्ञानिक एवं पर्यावरण-अनुकूल तरीके से समुचित खनन हो सकेगा तथा प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
- प्रस्ताव के अनुसार, राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियम-2017 के विभिन्न नियमों में बदलाव किया गया है। संशोधित नियमों के अनुसार, अप्रधान खनिजों के खनन पट्टों/क्वारी लाईसेंसों की अवधि निश्चित प्रीमियम के भुगतान की शर्त पर 31 मार्च, 2025 से बढ़ाकर 31 मार्च, 2040 तक हो सकेगी।
- संशोधित नियमावली में अप्रधान खनिजों के खनन पटेों के हस्तांतरण पर लिये जाने वाला प्रीमियम अब डेड रेंट/लाईसेंस फीस के 10 गुना व अधिकतम 10 लाख रुपए के स्थान पर 5 गुना व अधिकतम 5 लाख रुपए तक लिया जाएगा तथा पट्टाधारियों को अप्रधान खनिजों के खनन पट्टों के लिये मासिक की जगह त्रैमासिक ऑनलाइन रिटर्न भरना होगा।
- नए नियमों में खातेदारी भूमि में अप्रधान खनिज खनन पट्टा जारी करने की 4 हेक्टेयर की अधिकतम सीमा को भी हटाया जा सकेगा, ताकि वैज्ञानिक और सुरक्षित खनन को बढ़ावा मिल सके। साथ ही, निर्धारित प्रीमियम के भुगतान पर अप्रधान खनिज के खनन पट्टों /क्वारी लाईसेंस के समीप उपलब्ध भूमि एक निश्चित क्षेत्रफल तक खनन पट्टों/लाईसेंस धारी को आवंटित की जा सकेगी।
- सुगमता की दृष्टि से नवीन प्रावधान के अनुसार खानों का पंजीयन बिना पर्यावरण अनुमति के हो सकेगा, लेकिन खनन कार्य पर्यावरण अनुमति प्राप्त करने के बाद ही शुरू होगा।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री गहलोत ने वर्ष 2022-23 की बजट घोषणा की क्रियान्विति में राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियम-2017 में संशोधन की अधिसूचना के प्रारूप को मंज़ूरी दी है।