राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स, 2022 लागू | 25 Oct 2022
चर्चा में क्यों?
22 अक्तूबर, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में ‘राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स, 2022’ लागू करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी। ये नियम राज्य के विभिन्न विभागों में कार्यरत संविदाकर्मियों पर लागू होंगे।
प्रमुख बिंदु
- प्रदेश के 1 लाख 10 हज़ार से भी अधिक संविदाकर्मियों को इन नियमों के दायरे में लाकर लाभान्वित किया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि केंद्रीय प्रवर्तित एवं राज्य सरकारों की विभिन्न जनकल्याणकारी और सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं की क्रियान्विति में ये संविदाकर्मी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे, लेकिन इनकी सामाजिक सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा गया। यहाँ तक कि कई राज्यों में तो इनका मानदेय तक नहीं बढ़ाया गया।
- इस निर्णय से शिक्षा विभाग के शिक्षा कर्मी, पैरा टीचर्स, ग्राम पंचायत सहायक, अंग्रेजी माध्यम अध्यापक सहित कुल 41423 संविदाकर्मी, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के राजीविका व मनरेगा के कुल 18326, अल्प संख्यक विभाग के 5697 मदरसा पैरा टीचर्स, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग व चिकित्सा शिक्षा विभाग के 44833 संविदाकर्मियों सहित कुल 1 लाख 10 हज़ार 279 संविदाकर्मी इन नियमों से लाभान्वित होंगे।
- राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स, 2022 के लागू होने से संविदाकर्मियों की भर्ती पारदर्शी तरीके से हो सकेगी तथा इसमें आरक्षण का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। साथ ही जो संविदाकर्मी 5 साल तक काम कर लेंगे, भविष्य में उन पदों के नियमित होने पर उन्हीं संविदाकर्मियों में से स्क्रीनिंग कर उन्हें स्थायी किया जा सकेगा।
- नियमों में यह भी ध्यान रखा गया है कि किस पद को किस स्थायी पद के समकक्ष माना जाए, इसी आधार पर इन संविदाकर्मियों के लिये मानदेय का निर्धारण किया गया है और स्पेशल पे प्रोटेक्शन का प्रावधान भी रखा गया है। नियमित होने पर इन कर्मियों को ओ.पी.एस. का लाभ भी दिया जाएगा।
- संविदाकर्मियों को नियमित करने को लेकर समय-समय पर कई कमेटियाँ बनीं, लेकिन इनकी समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं हो सका।
- विदित है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2021-22 के बजट में संविदाकर्मियों का विभागवार कैडर बनाने और वर्ष 2022-23 के बजट में इनके मानदेय में 20 प्रतिशत वृद्धि किये जाने की घोषणा की थी।