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राजस्थान

राजस्थान ऑनलाइन प्लेटफॉर्म आधारित गिग वर्कर्स के कल्याण के लिये विधेयक पारित करने वाला पहला राज्य बना

  • 25 Jul 2023
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

24 जुलाई, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर राज्य विधानसभा ने राजस्थान प्लेटफॉर्म आधारित गिग कर्मकार (रजिस्ट्रीकरण और कल्याण) विधेयक-2023 पारित किया है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से आजीविका अर्जित कर रहे लाखों गिग वर्कर्स के कल्याण के लिये विधेयक पारित करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य बना है। 

प्रमुख बिंदु  

  • राज्य सरकार ने ओला, स्विगी, उबर, जोमेटो जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से गिग वर्कर्स के रूप में जुड़े लाखों युवाओं को सौगात दी है। इन गिग वर्कर्स के हितों का संरक्षण कर अब उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाएगी।  
  • इस विधेयक के माध्यम से बनने वाले अधिनियम के अंतर्गत राजस्थान प्लेटफॉर्म आधारित गिग कर्मकार कल्याण बोर्ड की स्थापना की जाएगी। साथ ही राजस्थान प्लेटफॉर्म आधारित गिग कर्मकार सामाजिक सुरक्षा और कल्याण निधि का गठन किया जाएगा। 
  • यह बोर्ड प्लेटफॉर्म आधारित गिग वर्कर्स का पंजीकरण सुनिश्चित करेगा। साथ ही पंजीकृत गिग वर्कर्स की सामाजिक सुरक्षा के लिये योजनाओं को मॉनिटर करने के साथ ही ऐसी योजनाओं के प्रशासन के लिये राज्य सरकार को अपनी सिफारिशें देगा।  
  • बोर्ड यह भी सुनिश्चित करेगा कि इन योजनाओं के अनुसार फायदों तक गिग वर्कर्स की पहुँच हो और उनके कार्य करने की स्थिति बेहतर हो। यह बोर्ड गिग वर्कर्स के अधिकारों से संबंधित शिकायतों और अधिनियम के प्रावधानों के क्रियान्वयन से संबंधित मामलों का समयबद्ध निवारण भी सुनिश्चित करेगा। 
  • गिग वर्कर्स के पंजीकरण के लिये एग्रीगेटर अधिनियम के लागू होने के 60 दिनों में गिग वर्कर्स का डेटा बेस राज्य सरकार को उपलब्ध कराएंगे। राज्य सरकार एग्रीगेटर्स का रजिस्टर अपने वेब पोर्टल पर प्रकाशित करेगी।  
  • इस अधिनियम से गिग वर्कर्स को राज्य सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ भी मिल सकेगा और उनकी शिकायतों पर उन्हें सुनवाई का अवसर प्राप्त होगा। 
  • गिग वर्कर्स का बोर्ड में प्रतिनिधित्व भी होगा, जिससे वे उनके कल्याण के लिये लिये जाने वाले निर्णयों में भाग ले सकेंगे। अधिनियम के अंतर्गत गिग वर्कर्स के लिये शिकायत निवारण तंत्र की स्थापना की जाएगी, जिसके समक्ष व्यक्तिश: अथवा ऑनलाइन माध्यम से याचिका प्रस्तुत की जा सकेगी। 
  • वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में  कम कौशल वाले युवाओं के लिये गिग कार्य से रोज़गार की व्यापक संभावनाएँ हैं। अर्थव्यवस्था और रोज़गार में बड़े योगदान के बावजूद गिग वर्कर्स अभी तक श्रम कानूनों के दायरे में नहीं आते हैं। ऐसे में उन्हें पारंपरिक कर्मचारियों की तरह संरक्षण नहीं मिल पाता है। इस अधिनियम से गिग वर्कर्स के हितों का संरक्षण होगा और उन्हें सामाजिक सुरक्षा मिल सकेगी। 
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2023-24 के राज्य बजट में गिग वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने व शोषण से बचाने के लिये गिग वर्कर्स वेलफेयर एक्ट लाने तथा इसके अंतर्गत गिग वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड की स्थापना की घोषणा की थी। इसके साथ ही उन्होंने 200 करोड़ रुपए की राशि से गिग वर्कर्स वेलफेयर एंड डेवलपमेंट फंड के गठन की भी घोषणा की थी।
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