महिलाओं की सहायता हेतु सुरक्षा अधिकारी नियुक्त | 25 Feb 2025
चर्चा में क्यों?
बिहार सरकार ने घरेलू हिंसा से प्रभावित महिलाओं को अधिक प्रभावी ढंग से सहायता प्रदान करने के लिये राज्य में 140 पूर्णकालिक 'संरक्षण अधिकारी' नियुक्त करने का निर्णय लिया है।
मुख्य बिंदु
- मुद्दे के बारे में:
- समाज कल्याण विभाग ने एक अलग संवर्ग बनाने का निर्णय किया है जिसके तहत उपमंडल, ज़िला और राज्य स्तर पर सुरक्षा अधिकारी नियुक्त किये जाएंगे।
- उद्देश्य:
- घरेलू हिंसा के बढ़ते मामलों से प्रभावी ढंग से निपटना।
- महिलाओं को घरेलू हिंसा से सुरक्षा प्रदान करना और उन्हें संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों का संरक्षण सुनिश्चित करना।
- नियुक्ति का स्तर:
- उपमंडल, ज़िला और राज्य स्तर पर सुरक्षा अधिकारी नियुक्त किये जाएंगे।
- कुल 140 सुरक्षा अधिकारी नियुक्त किये जाएंगे:
- 101 उपमंडल स्तर पर
- 38 ज़िला स्तर पर
- 1 राज्य स्तरीय सुरक्षा अधिकारी।
- सुरक्षा अधिकारी की ज़िम्मेदारियाँ:
- महिला घरेलू हिंसा संरक्षण अधिनियम, 2005 के तहत महिला के अधिकारों की सुरक्षा करना।
- मजिस्ट्रेट को उनके कार्यों में सहायता करना।
- पीड़ित महिला की शारीरिक चोटों का चिकित्सकीय परीक्षण करवाना और रिपोर्ट संबंधित थाने तथा मजिस्ट्रेट को भेजना।
- घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 की धारा 20 के तहत आर्थिक राहत आदेश का पालन सुनिश्चित करना।
घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 (Domestic Violence Act, 2005)
परिचय
- यह महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा को रोकने और उन्हें कानूनी सुरक्षा प्रदान करने के लिये एक महत्त्वपूर्ण कानून है।
उद्देश्य
- इस अधिनियम का उद्देश्य महिलाओं को उनके घरों में या किसी अन्य निजी स्थान पर होने वाली हिंसा से बचाना है और उन्हें उनके अधिकारों का संरक्षण प्रदान करना है।
घरेलू हिंसा के विभिन्न प्रकार: अधिनियम के तहत घरेलू हिंसा के विभिन्न प्रकार की हिंसाओं को शामिल किया गया है:
- शारीरिक हिंसा:
- इसमें महिला को शारीरिक रूप से चोट पहुँचाना शामिल है।
- उदाहरण: थप्पड़ मारना, धक्का देना, पीटना आदि।
- यौन हिंसा:
- इसमें महिला के साथ यौन उत्पीड़न या बलात्कार करना आदि कुकृत्य शामिल हैं।
- उदाहरण: जबरन संभोग, अन्य यौन अपराध।
- भावनात्मक दुरुपयोग:
- इसमें महिला की मानसिक स्थिति और आत्म-सम्मान को नुकसान पहुँचाना शामिल है।
- उदाहरण: अपमान करना, विश्वासघात करना, डराना-धमकाना, या महिला को मानसिक रूप से कमज़ोर महसूस कराना।
- सामाजिक और आर्थिक नियंत्रण:
- इसमें महिला को उसके परिवार और दोस्तों से अलग करना, उसे सामाजिक रूप से अकेला करना, या उसे अपनी इच्छा के खिलाफ सीमित करना शामिल है।