गया का नाम ‘गयाजी’ रखने का प्रस्ताव पास | 14 May 2022
चर्चा में क्यों?
13 मई, 2022 को गया नगर निगम के उपमेयर मोहन श्रीवास्तव ने बताया कि गया का नाम ‘गयाजी’ रखने को लेकर नगर निगम ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास करके राज्य और भारत सरकार को आवेदन दिया है।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि 11 मई, 2022 को गया नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में गया का नाम बदलकर ‘गयाजी’ करने का प्रस्ताव पारित किया गया था।
- गया अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त शहर है। सनातन धर्म में गया का काफी महत्त्व है। वहीं बोधगया में महात्मा बुद्ध की ज्ञानस्थली है। मोक्ष भूमि होने के कारण देश-विदेश से लोग यहाँ पिंडदान करने आते हैं।
- ऐतिहासिक रूप से गया प्राचीन मगध साम्राज्य का हिस्सा था। यह शहर फल्गु नदी के तट पर अवस्थित है और हिंदुओं के लिये मान्यता प्राप्त पवित्रतम स्थलों में से एक है।
- गया शहर के नामकरण के पीछे यह मान्यता है कि यहाँ भगवान विष्णु ने एक द्वंद्व में गयासुर का वध किया था। प्राचीन ग्रंथों में वर्णन है कि यहाँ स्वयं भगवान राम ने अपने पितरों का पिंडदान किया था।