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प्रधानमंत्री ने किया दौसा, राजस्थान में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के प्रथम चरण का लोकार्पण

  • 13 Feb 2023
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

12 फरवरी, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के दौसा ज़िले में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का 246 किलोमीटर लंबा दिल्ली-दौसा-लालसोट के प्रथम खंड का लोकार्पण किया।

प्रमुख बिंदु

  • इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने 5940 करोड़ रुपए से भी अधिक की लागत से विकसित होने वाली 247 किलोमीटर लंबी राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया।
  • इसमें बांदी कुई से जयपुर तक 2000 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से  विकसित की जाने वाली 67 किलोमीटर लंबी चार लेन की छोटी सड़क, लगभग 3775 करोड़ रुपए की लागत से विकसित की जाने वाली कोटपुतली से बड़ा ओदानियो तक छह लेन की छोटी सड़क एवं लगभग 150 करोड़ रुपए की लागत से विकसित किया जा रहा लालसोट- करौली खंड का दो लेन पेव्ड शोल्डर शामिल है।
  • गौरतलब है कि दिल्ली-दौसा-लालसोट राजमार्ग के निर्माण से दिल्ली और जयपुर तक की यात्रा में लगने वाला समय कम हो जाएगा। इस एक्सप्रेसवे के किनारे ग्रामीण हाट स्थापित किये जा रहे हैं, जो स्थानीय किसानों और कारीगरों की मदद करेंगे।
  • इस खंड के प्रारंभ होने से दिल्ली से जयपुर की यात्रा का समय 5 घंटे से घटकर लगभग 3.5 घंटे रह जाएगा और इससे पूरे क्षेत्र के आर्थिक विकास को अत्यधिक बढ़ावा मिलेगा।
  • दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से राजस्थान के साथ-साथ दिल्ली, हरियाणा, गुजरात और महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों को लाभ होगा। इससे ‘सरिस्का, केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान, रणथंभौर और जयपुर जैसे पर्यटन स्थलों को राजमार्ग से बहुत लाभ मिलेगा’।
  • दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर राजस्थान एवं देश की प्रगति के दो मज़बूत स्तंभ बनेगें और आने वाले समय में राजस्थान सहित इस पूरे क्षेत्र की तस्वीर बदल देंगे।
  • ये दोनों परियोजनाएँ मुंबई-दिल्ली आर्थिक गलियारे को मज़बूत करेंगी और सड़क एवं फ्रेट कॉरिडोर राजस्थान, हरियाणा और पश्चिमी भारत के कई इलाकों को बंदरगाहों से जोड़ेंगे। इससे लॉजिस्टिक्स, स्टोरेज, ट्रांसपोर्ट और अन्य उद्योगों के लिये भी नए अवसर पैदा होंगे।
  • दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के पीएम गतिशक्ति मास्टरप्लान के अंतर्गत ऑप्टिकल फाइबर, बिजली लाइनों और गैस पाइपलाइनों को बिछाने की व्यवस्था की गई है और बची हुई भूमि का उपयोग सौर ऊर्जा के उत्पादन के साथ-साथ उसके भंडारण के लिये किया जाएगा।
  • उल्लेखनीय है कि दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे 1,386 किमी. की लंबाई के साथ भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे होगा। यह दिल्ली और मुंबई के बीच यात्रा की दूरी को 1,424 किमी. से 12 प्रतिशत कम करके 1,242 किमी. कर देगा और यात्रा का समय 24 घंटे से घटकर 12 घंटे तक यानी 50 प्रतिशत कम हो जाएगा।
  • यह छह राज्यों- दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगा और कोटा, इंदौर, जयपुर, भोपाल, वडोदरा और सूरत जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ेगा। 
  • इस एक्सप्रेस-वे में 93 पीएम गति शक्ति आर्थिक नोड्स, 13 बंदरगाहों, 8 प्रमुख हवाई अडन्नें और 8 मल्टी- मोडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एमएमएलपी) के साथ-साथ जेवर हवाई अड्डे, नवी मुंबई हवाई अड्डे और जेएनपीटी बंदरगाह जैसे नए बनने वाले ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों को भी सेवा प्रदान करेगा।
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