प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में लगभग 6,350 करोड़ रुपए की रेलवे परियोजनाएँ राष्ट्र को समर्पित कीं | 16 Sep 2023
चर्चा में क्यों?
14 सितंबर, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में लगभग 6,350 करोड़ रुपए की रेलवे परियोजनाएँ राष्ट्र को समर्पित कीं।
प्रमुख बिंदु
- इन रेल परियोजनाओं में छत्तीसगढ़ पूर्व रेल परियोजना चरण-1, चंपा से जमगा के बीच तीसरी रेल लाइन, पेंद्रा रोड से अनूपपुर के बीच तीसरी रेल लाइन और तलाईपल्ली कोयला खदान को एनटीपीसी लारा सुपर थर्मल पावर स्टेशन से जोड़ने वाली एमजीआर (मेरी-गो-राउंड) प्रणाली शामिल हैं।
- ये रेल परियोजनाएँ इस क्षेत्र में यात्रियों की आवाजाही के साथ-साथ माल ढुलाई को सुगम बनाकर सामाजिक-आर्थिक विकास को गति प्रदान करेंगी।
- छत्तीसगढ़ पूर्व रेल परियोजना के चरण-1 को महत्त्वाकांक्षी पीएम गतिशक्ति-मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अंतर्गत विकसित किया जा रहा है और इसमें खरसिया से धरमजयगढ़ तक 124.8 किलोमीटर की रेल लाइन शामिल है। इसमें गेर-पेलमा के लिये एक स्पर लाइन और छल, बरौद, दुर्गापुर अन्य कोयला खदानों को जोड़ने वाली तीन फीडर लाइनें शामिल हैं।
- लगभग 3,055 करोड़ रुपए की लागत से बनी यह रेल लाइन विद्युतीकृत ब्रॉड गेज लेवल क्रॉसिंग और यात्री सुविधाओं के साथ फ्री पार्ट डबल लाइन से सुसज्जित है। यह छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में स्थित मांड-रायगढ़ कोयला क्षेत्रों से कोयला परिवहन के लिये रेल कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।
- पेंद्रा रोड से अनूपपुर के बीच तीसरी रेल लाइन 50 किमी लंबी है और लगभग 516 करोड़ रुपए की लागत से बनाई गई है। चांपा और जामगा रेल खंड के बीच 98 किलोमीटर लंबी तीसरी लाइन लगभग 796 करोड़ रुपए की लागत से बनी है। नई रेल लाइनों से इस इलाके में कनेक्टिविटी बेहतर होगी और पर्यटन तथा रोज़गार के अवसरों में बढ़ोतरी होगी।
- 65 किलोमीटर लंबी विद्युतीकृत एमजीआर (मैरी-गो-राउंड) प्रणाली एनटीपीसी की तलाईपल्ली कोयला खदान से छत्तीसगढ़ में 1600 मेगावाट के एनटीपीसी लारा सुपर थर्मल पावर स्टेशन तक कम लागत में उच्च श्रेणी का कोयला लाने का काम करेगी। इससे एनटीपीसी लारा से कम लागत के और विश्वसनीय बिजली उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे देश की ऊर्जा सुरक्षा मज़बूत होगी।
- इसके साथ ही कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ के 9 ज़िलों में 50 बिस्तरों वाले ‘क्रिटिकल केयर ब्लॉक’का शिलान्यास भी किया।
- प्रधानमंत्री-आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) के अंतर्गत दुर्ग, कोंडागाँव, राजनांदगाँव, गरियाबंद, जशपुर, सूरजपुर, सरगुजा, बस्तर और रायगढ़ ज़िलों में नौ क्रिटिकल केयर ब्लॉक बनाए जाएंगे, जिनकी कुल लागत 210 करोड़ रुपए होगी।
- जनजातीय आबादी के बीच विशेषरूप से होने वाले सिकल सेल रोग से उपजी स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री ने जाँची गई आबादी को एक लाख सिकल सेल परामर्श कार्ड वितरित किये।
- उल्लेखनीय है कि सिकल सेल परामर्श कार्ड का वितरण राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन (एनएसएईएम) के अंतर्गत किया जा रहा है, जिसका शुभारंभ प्रधानमंत्री द्वारा जुलाई 2023 में मध्य प्रदेश के शहडोल में किया गया था।