राष्ट्रपति ने मध्य प्रदेश में दो परियोजनाओं का किया वर्चुअल शिलान्यास | 17 Nov 2022
चर्चा में क्यों?
15 नवंबर, 2022 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की रातापानी-औबेदुल्लागंज-इटारसी फोरलेन परियोजना (एनएच-46) और रक्षा मंत्रालय के ग्वालियर स्थित रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान में मेक्सिमम माइक्रोवाइल कंटेनमेंट लेबोरेटरी (बीएसएल 4) का वर्चुअल शिलान्यास किया।
प्रमुख बिंदु
- करीब 300 करोड़ रुपए लागत की यह लैब कोविड-19 जैसी चुनौतियों का सामना करने में सहयोग करेगी। यहाँ महत्त्वपूर्ण अनुसंधान हो सकेंगे।
- यह परियोजना भारतमाला परियोजना में एनएच-46 (पुराना एनएच-69) औबेदुल्लागंज से बैतूल इंटर कॉरिडोर मार्ग का एक हिस्सा ही है, जो भोपाल से नागपुर को कनेक्टिविटी देता है।
- इस मार्ग का 38 किमी. का खंड रातापानी वन्य-जीव अभयारण्य में आता है एवं रातापानी खंड भोपाल-नागपुर कॉरिडोर का भाग है।
- इस परियोजना में वन्य-जीव और पर्यावरण की सुरक्षा के लिये आवश्यक उपाय शामिल हैं। वन्य-जीव अभयारण्य क्षेत्र में पशु अंडरपास के प्रावधानों से वन्य-प्राणियों को आवागमन में आसानी होगी।
- इस परियोजना की कुल लंबाई 38 किमी. है। इसके निर्माण पर 417 करोड़ 51 लाख रुपए की लागत आएगी। परियोजना का निर्माण कार्य 18 माह की अवधि में पूर्ण किया जाएगा।
- इस मार्ग को चौड़ा करने से वन्य-प्राणियों के आवागमन/आवास पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिये 5 बड़े पशु अंडरपास (100 मी., 420 मी., 1226 मी., 65 मी. एवं 65 मी.) एवं 2 छोटे पशु अंडरपास (10 मी. एवं 10 मी.) अधो-संरचनाएँ बनाई जाएंगी। इस परियोजना में एक माइनर ब्रिज एवं 2 व्हीकल अंडरपास का निर्माण भी किया जाना है।
- इस परियोजना का प्रमुख लाभ भोपाल, होशंगाबाद, बैतूल और नागपुर की बेहतर कनेक्टिविटी होगी। साथ ही, भारी यातायात से सड़क उपयोगकर्त्ताओं को सुविधा प्राप्त होगी।
- रातापानी वन्य-जीव अभयारण्य और सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व तक बेहतर आवागमन से पर्यटन क्षेत्र को बढावा एवं रोज़गार के अवसरों में वृद्धि होगी। इससे जहाँ समय और ईंधन की बचत के साथ प्रदूषण में कमी आएगी, वहीं सड़क उपयोगकर्त्ता की सुरक्षा में भी सुधार होगा। परियोजना के पूर्ण होने से क्षेत्र के लोगों की तीव्र सामाजिक और आर्थिक समृद्धि का कार्य हो सकेगा।