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नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स में राष्ट्रपति ने करनाल के मंदीप सिंह चौहान को रजत कमल से नवाजा

  • 03 Oct 2022
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

1 अक्टूबर, 2022 को 68वें नेशनल फिल्म अवार्ड वितरण समारोह में हरियाणा के करनाल ज़िले के मंदीप सिंह चौहान को उनके द्वारा निर्मित डॉक्यूमेंट्री फिल्म के लिये राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने रजत कमल पुरस्कार से सम्मानित किया।

प्रमुख बिंदु

  • फिल्म निर्माता मंदीप सिंह चौहान को यह सम्मान उनकी लघु फिल्म ‘जस्टिस डिलेड बट डिलीवर्ड’के लिये दिया गया।  नॉन फीचर फिल्म श्रेणी में यह फिल्म राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म के रूप में चयनित की गई थी।
  • मंदीप सिंह चौहान के साथ फिल्म के निर्देशक मुंबई निवासी कामाख्या नारायण सिंह को भी राष्ट्रपति  महोदया ने सम्मानित किया।
  • उल्लेखनीय है कि 2020 के नेशनल फिल्म अवार्ड सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा हाल ही में घोषित किये गए थे और नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक गरिमापूर्ण समारोह  में यह पुरस्कार वितरित किये गए।  इसी समारोह में देश का फिल्म जगत् का सर्वोत्कृष्ट पुरस्कार दादा साहब  फालके अवॉर्ड प्रख्यात अभिनेत्री आशा पारेख को प्रदान किया गया।
  • विदित है कि नेशनल फिल्म अवार्ड प्राप्त  करने वाले मंदीप सिंह चौहान मूलत: करनाल ज़िले के गोंदर गाँव से संबंध रखते हैं। मनदीप सिंह चौहान ‘बॉलीवुड में हिन्दी’सहित  कई चर्चित डॉक्युमेंट्री फिल्म्स  के सहायक निर्माता के रूप में कार्य करने के कई क्षेत्रीय व राष्ट्रीय समाचार चैनलों के साथ जुड़े रहे हैं।
  • ज्ञातव्य है कि मंदीप सिंह चौहान की डॉक्यूमेंट्री फिल्म हिंदी में निर्मित ‘जस्टिस डिलेड बट डिलीवर्ड’जम्मू कश्मीर में संविधान के अब समाप्त हो चुके अनुच्छेद 35-ए के  काले प्रावधानों के कारण वहाँ  के वाल्मीकि समुदाय के साथ दशकों तक हुए अमानवीय अत्याचारों की दास्तान है।
  • जम्मू-कश्मीर मामलों पर वर्षों तक लेखन करते रहे डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान बताते हैं कि अनुच्छेद 370 के संशोधन और 35-ए  के  उन्मूलन ने राधिका जैसे लाखों लोगों के जीवन में नई रोशनी का संचार किया।  
  • उन्होंने कहा कि  चोरी छुपे जोड़े गए अनुच्छेद 35-ए  के कारण  राधिका गिल सहित  वहाँ के वाल्मीकि समुदाय के लोगों को  चुनाव लड़ने का अधिकार तो दूर की बात, सरकारी नौकरियों  के लिये आवेदन करने का अधिकार भी नहीं था। यह काला अनुच्छेद उन्हें केवल और केवल सफाई कर्मचारी बनने की इजाजत देता था।
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