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राजस्थान

ऊर्जा मंत्री ने सौर कृषि आजीविका योजना पोर्टल का शुभारंभ किया

  • 18 Oct 2022
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

17 अक्टूबर, 2022 को राजस्थान के ऊर्जा मंत्री भँवर सिंह भाटी ने विद्युत भवन में ‘सौर कृषि आजीविका योजना’ के पोर्टल का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु 

  • यह पोर्टल किसानों एवं विकासकर्त्ताओं को किसानों की बंजर/अनुपयोगी भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना में मदद करेगा।
  • भँवर सिंह भाटी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्यरूप से कृषि भार वाले लोड सेंटर पर पीएम-कुसुम कम्पोनंट-सी (फीडर लेवल सोलराईजेशन) के तहत विकसित किये जा रहे विकेंद्रीकृत सौर ऊर्जा संयंत्रों को बढ़ावा देने के उद्देश्य के लिये राज्य सरकार ने सौर कृषि आजीविका योजना तैयार की है।
  • उन्होंने बताया कि इस योजना के पोर्टल को लाँच करने का उद्देश्य यह है कि किसानों को सोलर के माध्यम से अपने नज़दीक के 33/11 जीएसएस से दिन में बिजली प्राप्त हो सके। इसके साथ ही इस योजना के माध्यम से किसानों व भूमि मालिकों को सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के लिये पूर्व निर्धारित राशि के आधार पर अपनी बंजर/अनुपयोगी भूमि को लीज़ पर देने का अवसर देकर राज्य के प्रचुर भूमि संसाधनों का उपयोग किया जाएगा।
  • भाटी ने बताया कि इस ऑनलाईन पोर्टल पर किसी भी गाँव में 33/11 केवी जीएसएस के आसपास के किसान सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिये अपनी ज़मीन को लीज़ पर देने हेतु पंजीकृत कर सकते हैं और सौर ऊर्जा संयंत्र के विकासकर्त्ता भी पंजीकृत किसानों/भूमि मालिकों तक पहुँचने के लिये पोर्टल पर पंजीकृत कर सकते है।
  • उन्होंने बताया कि सोलर प्लांट की स्थापना के बाद 33/11 केवी जीएसएस के आसपास के जितने भी कृषि उपभोक्ता हैं, उन सभी को सोलर के माध्यम से दिन के समय अच्छी गुणवत्ता की बिजली मिलेगी और उनकी बिजली की समस्या का समाधान होगा।
  • उन्होंने बताया कि भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा कुसुम कंपोनेंट सी (फीडर लेवल सोलराईजेशन) के तहत् इस योजना में केंद्रीय वित्तीय सहायता का भी प्रावधान है।
  • प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा एवं अध्यक्ष डिस्कॉम्स भास्कर ए.सावंत ने बताया कि डिस्ट्रीब्यूटेड मैनर में ये प्लांट लगेंगे। इस योजना में छोटे प्लांट लगेंगे, जिससे उत्पादित बिजली का लाभ प्लांट के आसपास के क्षेत्र के किसानों को ही मिलेगा।
  • इस योजना के तहत् जिन क्षेत्रों में कृषि बिजली का भार अधिक है, उन जीएसएस को चिह्नित करके पीएम-कुसुम योजना-सी में फीडर लेवल सोलराईजेशन के तहत् संयंत्र स्थापित किये जाएंगे।
  • उन्होंने बताया कि अभी 781 जीएसएस चिह्नित किये हैं जहाँ कृषि लोड ज़्यादा है, जिन पर 971 प्रोजेक्ट लग सकते हैं और इनसे 3079 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। इससे 2 लाख 71 हज़ार पंप सोलराइज हो जाएंगे।
  • विदित है कि अभी एमएनआरई ने एक लाख पंप की स्वीकृति दी है, जिसे धीरी-धीरे 2 लाख पंप सोलराइजेशन तक ले जाया जाएगा।
  • इस पोर्टल का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि पोर्टल पर किसान द्वारा अपनी भूमि का पंजीकरण करने के पश्चात् विकासकर्त्ता देख पाएगा कि कितनी भूमि सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के लिये कास्तकार ने पोर्टल पर पंजीकृत की है। सभी सूचनाएँ पोर्टल पर मिलने से सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना को बढ़ावा मिलेगा।
  • उन्होंने बताया कि किसानों को समय पर पूरी लीज राशि मिलने की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा निर्धारित कर दी गई है। इसके तहत डिस्कॉम को दी जाने वाली बिजली का भुगतान विकासकर्त्ता को किये जाने वाले भुगतान में से डिस्कॉम द्वारा लीज़ राशि काट कर सीधे कास्तकार को भुगतान किया जाएगा व शेष राशि का भुगतान विकासकर्त्ता को किया जाएगा।   
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