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छत्तीसगढ़

मिशन मोड पर गोठानों से बिजली उत्पादन

  • 12 Oct 2021
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

11 अक्टूबर, 2021 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ‘गोधन न्याय योजना’ के तहत पशुपालकों, गोबर संग्राहकों को गोबर खरीदी, लाभांश के रूप में महिला स्वयं सहायता समूहों तथा गोठान समितियों के खाते में कुल 7.36 करोड़ रुपए की राशि हस्तांतरित करते हुए कहा कि गाय के गोबर से बिजली का उत्पादन ‘मिशन मोड’ पर किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री ने 16 सितंबर से 30 सितंबर तक खरीदे गए गोबर के बदले पशुपालकों और गोबर संग्राहकों के खाते में 1.87 करोड़ रुपए, लाभांश की राशि के रूप में महिला स्व-सहायता समूह को 2.14 करोड़ रुपए तथा गोठान समितियों को 3.25 करोड़ रुपए की राशि का अंतरण किया।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि गोठानों से उत्पन्न बिजली राज्य सरकार द्वारा खरीदी जाएगी, जिससे गाँवों को राजस्व प्राप्त होगा। रायपुर, बेमेतरा और दुर्ग ज़िले में पहले से ही तीन गोठान बिजली का उत्पादन कर रहे हैं। जल्द ही गाँवों को बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।
  • उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना के मिशन मोड में संचालन के लिये गोधन न्याय मिशन का गठन किया जा रहा है, जिसके तहत गोठानों में जरूरी अधोसंरचनाओं का निर्माण तेजी से किया जाएगा। किसानों, पशुपालकों, स्व-सहायता समूहों और गोठान समितियों के आय में वृद्धि करने के उपाय किये जाएंगे।
  • उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 10,501 गोठानों की स्वीकृति दी गई है, जिसमें से 7460 गोठान निर्मित हो चुके हैं। गोधन न्याय योजना में अब तक 52 लाख 21 हज़ार क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘महिला स्वयं सहायता समूहों’ को गाय के गोबर को वर्मी कम्पोस्ट में परिवर्तित करने का सीमित कार्य ही नहीं दिया जाएगा बल्कि राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं की मदद से विभिन्न रोज़गारमूलक गतिविधियाँ प्रारंभ की जाएंगी। 
  • गोठानों में जैविक खाद बनाने, सामुदायिक किचन गार्डन के अलावा मशरूम उत्पादन, मत्स्यपालन, बकरीपालन, मुर्गीपालन और गाय के गोबर से विभिन्न उत्पादों के निर्माण को बढ़ावा दिया जा रहा है।
  • इस अवसर पर कृषि मंत्री रवींद्र चौबे ने कहा कि गोठानों को बहुस्तरीय आर्थिक गतिविधियों के लिये ग्रामीण औद्योगिक पार्कों में बदला जा रहा है
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