छत्तीसगढ़ को मिला पोषक अनाज अवार्ड, 2022 | 24 Sep 2022
चर्चा में क्यों?
23 सितंबर, 2022 को हैदराबाद में भारत सरकार के आईआईएमआर द्वारा आयोजित पोषक अनाज अवार्ड, 2022 में तेलंगाना के कृषि मंत्री एस. निरंजन रेड्डी ने मिलेट को बढ़ावा देने के लिये छत्तीसगढ़ को सर्वश्रेष्ठ उदीयमान राज्य के रूप में पुरस्कृत एवं सम्मानित किया।
प्रमुख बिंदु
- छत्तीसगढ़ की ओर से यह पुरस्कार राज्य लघु वनोपज संघ के विशेष प्रबंध संचालक एस.एस. बजाज ने प्राप्त किया।
- समारोह में छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी नीतियों और राज्य में कोदो, कुटकी और रागी की खेती को बढ़ावा देने के प्रयासों को भी सराहा गया।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप छत्तीसगढ़ में कोदो, कुटकी और रागी की खेती को विशेष रूप से बढ़ावा दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री की पहल पर कोदो, कुटकी और रागी को ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’में शामिल किया गया है और इसके उत्पादक कृषकों को प्रोत्साहनस्वरूप प्रति एकड़ के मान से 9 हज़ार रुपए की आदान सहायता भी दी जा रही है।
- छत्तीसगढ़ देश का इकलौता राज्य है, जहाँ कोदो, कुटकी और रागी की समर्थन मूल्य पर खरीदी और इसके वैल्यू एडिशन का काम भी किया जा रहा है। कोदो-कुटकी की समर्थन मूल्य पर खरीदी 3000 प्रति क्विंटल की दर से तथा रागी की खरीदी 3377 रुपए प्रति क्विंटल की दर से छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा की गई।
- मुख्यमंत्री के मंशानुरूप कोदो, कुटकी और रागी की खेती को राज्य में लगातार विस्तारित किया जा रहा है, जिसके चलते राज्य में इसकी खेती का रकबा 69 हज़ार हेक्टेयर से बढ़कर एक लाख 88 हज़ार हेक्टेयर हो गया है।
- मिलेट की खेती को प्रोत्साहन, किसानों को प्रशिक्षण, उच्च क्वालिटी के बीज की उपलब्धता तथा उत्पादकता में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए राज्य में ‘मिलेट मिशन’की शुरुआत भी 10 जनवरी, 2022 से की गई है। राज्य के 14 ज़िलों ने आईआईएमआर हैदराबाद के साथ छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के प्रयास से मिलेट मिशन के अंतर्गत त्रिपक्षीय एमओयू भी किया है।
- छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन के तहत मिलेट की उत्पादकता को प्रति एकड़ 5 क्विंटल से बढ़ाकर 9 क्विंटल यानी दोगुना किये जाने का भी लक्ष्य रखा गया है।
- गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन के अंतर्गत कांकेर, कोंडागाँव, बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा, कबीरधाम, नारायणपुर, जशपुर, बीजापुर, राजनांदगाँव, सूरजपुर, बलरामपुर, कोरिया एवं गौरेला-पेंड्रा-मरवाही ज़िलों में क्लस्टर एप्रोच से इसकी खेती को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
- आईआईएमआर हैदराबाद ने राज्य में मिलेट की खेती के लिये बेहतर बीज, तकनीक के साथ ही कृषकों के प्रशिक्षण में सहयोग दिया है। छत्तीसगढ़ के 14 चयनित ज़िलों में मिलेट सलाहकार की भी नियुक्तियाँ की जा रही हैं।
- मिलेट मिशन के तहत राज्य में बीते सीजन में 46 हज़ार क्विंटल कोदो, 2800 क्विंटल कुटकी और 5811 क्विंटल रागी का उपार्जन भी समर्थन मूल्य पर हुआ है। कांकेर ज़िले में मिलेट आधारित एकीकृत संयंत्र की स्थापना 5.5 करोड़ रुपए की लागत से अवनि आयुर्वेदा प्राइवेट लिमिटेड कर रहा है, जिसकी प्रसंस्करण क्षमता 5 हज़ार मीट्रिक टन है। इससे मिलेट को प्रोत्साहन और स्थानीय युवाओं को रोज़गार सुलभ होगा।