मध्य प्रदेश
भोपाल और इंदौर में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू
- 10 Dec 2021
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चर्चा में क्यों?
9 दिसंबर, 2021 को मध्य प्रदेश सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए प्रदेश के महानगर भोपाल और इंदौर में पुलिस आयुक्त प्रणाली को लागू कर दिया है।
प्रमुख बिंदु
- गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि कानून-व्यवस्था के प्रभावी क्रियान्वयन और दोनों शहरों की जनसंख्या 10 लाख से अधिक होने पर राज्य सरकार ने संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार नगरीय क्षेत्रों एवं सीमाओं को मेट्रो पोलिटन क्षेत्र घोषित किया है।
- गौरतलब है कि 21 नवंबर, 2021 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर और भोपाल में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने की घोषणा की थी।
- पुलिस आयुक्त प्रणाली में इंदौर नगरीय पुलिस ज़िले में 36 थानों और भोपाल नगरीय पुलिस ज़िले में 38 थानों की सीमाओं को समाविष्ट किया गया है। दोनों शहरों में पुलिस महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी पुलिस आयुक्त होंगे। दोनों महानगरों में पुलिस आयुक्त प्रणाली के लिये अधिकारियों के पद और ज़ोन का भी निर्धारण किया गया है।
- पुलिस आयुक्त प्रणाली के लागू हो जाने से इंदौर और भोपाल के पुलिस आयुक्त की शक्तियों एवं प्राधिकारों को मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक तथा महानिरीक्षक के सामान्य नियंत्रण एवं पर्यवेक्षण के अधीन निहित किया गया है। पुलिस आयुक्त के पास कार्यपालक मजिस्ट्रेट की शक्तियाँ होंगी।
- भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता-1973 (1974 का 2) की धारा-21 द्वारा प्रदत्त शक्तियों में इंदौर और भोपाल नगरीय पुलिस ज़िले में पदस्थ पुलिस उपायुक्तों एवं पुलिस सहायक आयुक्तों को अपने-अपने अधिकारिता क्षेत्र में विशेष कार्यपालक मजिस्ट्रेट नियुक्त कर शक्तियाँ प्रदान की गई हैं।
- पुलिस एक्ट-1861 के अनुसार मेट्रोपोलिटन क्षेत्र में पुलिस आयुक्त के अधीन पुलिस का प्रशासन रहेगा। पुलिस आयुक्त पुलिस महानिदेशक के सामान्य नियंत्रण एवं परिवेक्षण में रहेंगे।
- बंदी अधिनियम, 1900 के अनुसार जेल में बंद कैदियों को पेरोल और आपातकाल में पेरोल बोर्ड की अनुशंसा पर सशर्त छोड़ा जा सकेगा।
- विष अधिनियम, 1919 के तहत गैर-कानूनी ज़हर या तेजाब रखने अथवा बेचने वालों की तलाशी से बरामद जहर या तेजाब जप्त किया जा सकेगा। अनैतिक व्यापार अधिनियम, 1956 में निहित प्रावधान के अनुसार वेश्यावृत्ति के विरुद्ध कार्यवाही की जा सकेगी और इस पेशे में धकेली गई महिलाओं को मुक्त करा कर उन्हें संरक्षण-गृह में भेजा जा सकेगा।
- पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू हो जाने से विधि विरुद्ध क्रिया-कलाप निवारण अधिनियम, 1967 के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा मेट्रोपोलिटन क्षेत्र में प्रतिबंधित संगठनों को गैर-कानूनी गतिविधियों को रोकने के लिये प्रतिबंधित किया जा सकेगा।
- मोटर यान अधिनियम, 1988 (1988 का 59) का प्रयोग करते हुए वाहनों की पार्किंग अथवा उनके रुकने के स्थान स्थानीय अधिकारियों से समन्वय कर निर्धारित किये जा सकेंगे। वाहनों की गति सीमा निर्धारित की जा सकेगी। लोक सुरक्षा के हित में या उनकी सहूलियत के लिये या किसी सड़क या पुल की स्थिति को देखते हुए, वाहनों की अधिकतम गति निर्धारित करने हेतु उपयुक्त ट्रैफिक साइन लगाये जा सकेंगे।
- इसके साथ ही मध्य प्रदेश सुरक्षा अधिनियम, 1990 के अंतर्गत गुंडे-बदमाशों और ऐसे अपराधी तत्त्वों के गैंग और आदतन अपराधियों को ज़िलाबदर किया जा सकेगा। शासकीय गुप्त बात अधिनियम, 1923 के अंतर्गत सरकारी गोपनीय दस्तावेज़ रखने और इस अधिनियम के विरुद्ध की गई गतिविधियों पर कार्यवाही की जा सकेगी।