प्रधानमंत्री ने राजस्थान में विकास परियोजनाओं का अनावरण किया | 19 Feb 2024
चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए राजस्थान में 17,000 करोड़ रुपए से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का अनावरण और शिलान्यास किया।
मुख्य बिंदु:
- यह घोषणा 'विकसित भारत विकसित राजस्थान' कार्यक्रम के एक भाग के रूप में हुई और ये परियोजनाएँ सड़क, रेलवे, सौर ऊर्जा, विद्युत पारेषण, पेयजल तथा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस सहित कई महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों से संबंधित हैं।
- पीएम ने विकास परियोजनाओं के साथ राजस्थान की प्रगति के लिये रेल, सड़क, बिजली और पानी जैसे आवश्यक क्षेत्रों में तेज़ी से विकास के महत्त्व पर ज़ोर दिया।
- उन्होंने बुनियादी ढाँचे के विकास के लिये वर्ष 2024 के केंद्रीय बजट में 11 ट्रिलियन रुपए के पर्याप्त आवंटन पर प्रकाश डाला।
- राजस्थान में बुनियादी ढाँचा:
- राजमार्ग बुनियादी ढाँचे के विकास के लिये 5,000 करोड़ रुपए से अधिक की विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया।
- इससे कोटा, उदयपुर, टोंक, सवाई माधोपुर, बूंदी, अजमेर, भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ में कनेक्टिविटी में सुधार होगा।
- ये सड़कें दिल्ली, हरियाणा, गुजरात और महाराष्ट्र के साथ बेहतर कनेक्टिविटी भी सुनिश्चित करेंगी।
- रेलवे के लिये पीएम ने करीब 2300 करोड़ रुपए की आठ परियोजनाओं का शिलान्यास किया।
- उन्होंने राजस्थान में 2,100 करोड़ रुपए से अधिक की विद्युत पारेषण क्षेत्र की परियोजनाएँ राष्ट्र को समर्पित कीं।
- उन्होंने मुफ्त बिजली प्रदान करने और घरों में सौर पैनल स्थापना की सुविधा प्रदान करने के लिये पीएम सूर्य घर योजना के उद्देश्य को भी रेखांकित किया, जिससे विशेष रूप से मध्यम तथा निम्न-मध्यम वर्ग को लाभ होगा।
- पीएम ने जल जीवन मिशन (JJM) के तहत लगभग 2,400 करोड़ रुपए की कई परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी।
- राजमार्ग बुनियादी ढाँचे के विकास के लिये 5,000 करोड़ रुपए से अधिक की विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया।
पीएम सूर्य घर योजना
- यह एक अग्रणी सरकारी पहल है जिसका उद्देश्य पूरे देश में एक करोड़ घरों की छत पर सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित करना है।
- रूफटॉप सौर पैनल एक इमारत की छत पर स्थापित फोटोवोल्टिक पैनल हैं जो मुख्य विद्युत आपूर्ति इकाई से जुड़े होते हैं।
- यह ग्रिड से जुड़ी बिजली की खपत को कम करता है और उपभोक्ता के लिये बिजली की लागत में कमी लाता है।
- छत पर सौर संयंत्र से उत्पन्न अधिशेष सौर ऊर्जा इकाइयों को मीटरिंग प्रावधानों के अनुसार ग्रिड में निर्यात किया जा सकता है।
- उपभोक्ता प्रचलित नियमों के अनुसार अधिशेष निर्यातित विद्युत के लिये मौद्रिक लाभ प्राप्त कर सकता है।