प्रधानमंत्री 'विकसित भारत, विकसित मध्य प्रदेश' कार्यक्रम को संबोधित करेंगे | 28 Feb 2024

चर्चा में क्यों?

सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 फरवरी 2024 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए 'विकसित भारत, विकसित मध्य प्रदेश' कार्यक्रम को संबोधित करेंगे।

मुख्य बिंदु:

  • इस कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री मध्य प्रदेश में 17,500 करोड़ रुपए से अधिक की कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
    • इन परियोजनाएँ में सिंचाई, विद्युत, सड़क, रेल, जल आपूर्ति, कोयला, उद्योग सहित कई महत्त्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं।
    • प्रधानमंत्री मध्य प्रदेश में साइबर तहसील परियोजना का भी शुभारंभ करेंगे।
  • वह मध्य प्रदेश में 5500 करोड़ रुपए से ज़्यादा की सिंचाई परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे।
    • इन परियोजनाओं में अपर नर्मदा परियोजना, राघवपुर बहुउद्देशीय परियोजना और बसनिया बहुउद्देशीय परियोजना शामिल हैं।
    • प्रधानमंत्री 800 करोड़ से अधिक की दो सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाएँ भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे जिनमें पारसडोह सूक्ष्म सिंचाई परियोजना और औलिया सूक्ष्म सिंचाई परियोजना शामिल हैं।
  • प्रधानमंत्री 2200 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से निर्मित तीन रेलवे परियोजनाएँ भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
  • इन परियोजनाओं में रतलाम में बड़ा औद्योगिक पार्क; मुरैना ज़िले के सीतापुर में मेगा चमड़ा, जूते एवं सहायक उपकरण केंद्र; इंदौर में परिधान उद्योग के लिये प्लग एंड प्ले पार्क; औद्योगिक पार्क मंदसौर (जग्गाखेड़ी चरण-2); और धार ज़िले में औद्योगिक पार्क पीथमपुर का उन्नयन परियोजना शामिल हैं।
  • प्रधानमंत्री अमृत 2.0 के तहत लगभग 880 करोड़ रुपए की विभिन्न परियोजनाओं और राज्य भर के कई ज़िलों में जल आपूर्ति प्रणालियों को बढ़ाने तथा मज़बूत करने की अन्य योजनाओं की आधारशिला रखेंगे।

कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिये अटल मिशन (AMRUT 2.0)

  • यह जून 2015 में शुरू किये गए अमृत मिशन की निरंतरता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर घर में पानी की सुनिश्चित आपूर्ति और सीवरेज कनेक्शन के साथ नल की पहुँच हो।
  • अमृत ​​2.0 का लक्ष्य लगभग 4,700 ULB (शहरी स्थानीय निकाय) में सभी घरों में पानी की आपूर्ति के मामले में 100% कवरेज प्रदान करना है।
  • इसका उद्देश्य स्टार्टअप्स और एंटरप्रेन्योर्स (सार्वजनिक-निजी भागीदारी) को प्रोत्साहित करके आत्मनिर्भर भारत पहल को बढ़ावा देना है।