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मध्य प्रदेश

प्रधानमंत्री ने रखी संत रविदास मंदिर की आधारशिला

  • 14 Aug 2023
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

12 अगस्त, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़तुमा सागर में 11 एकड़ भूमि पर लगभग100 करोड़ रुपए की लागत से आकार लेने वाले संत शिरोमणि श्री रविदास जी के स्मारक और मंदिर का वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भूमिपूजन कर शिलान्यास किया।

प्रमुख बिंदु

  • इस अवसर पर उन्होंने शिला-पटिेका का अनावरण भी किया और मंदिर की प्रतिकृति का अवलोकन किया।
  • इसी के साथ प्रदेश के पाँच स्थानों से प्रारंभ की गई समरसता यात्रा का भी समापन हुआ।
  • उल्लेखनीय है कि फरवरी माह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समरसता के प्रणेता श्री संत रविदास जी के भव्य और दिव्य रूप में स्मारक एवं मंदिर निर्माण कराने की घोषणा की थी।
  • प्रधानमंत्री द्वारा किये गए शिलान्यास के बाद अब यहाँ भव्य और अलौकिक मंदिर बनेगा। यह मंदिर नागर शैली में 10000 वर्ग फीट में बनेगा। यहाँ इंटरप्रिटेशन म्यूजियम भी बनेगा।
  • संस्कृति और रचनात्मक के साथ संत रविदास के कृतित्व-व्यक्तित्व को प्रदर्शित करने वाला संग्रहालय भी इस परिसर में बनेगा।
  • संग्रहालय में चार गैलरी बनेंगी, जिनमें भक्ति मार्ग, निर्गुण पंथ में योगदान, संत जी का दर्शन और उनके साहित्य, समरसता का विवरण भी रहेगा।
  • इसके अलावा संगत हाल, जल कुंड, भक्त निवास भी बनेगा, जो आध्यात्मिक और आधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा। भक्त निवास में देश-विदेश से संत रविदास के अनुयायी और अध्येता आएंगे, जिन्हें संत जी के जीवन से प्रेरणा मिलेगी।
  • वास्तु और विन्यास के अनुसार संत रविदास जी का मंदिर अध्यात्म कला संग्रहालय भी होगा, जो श्रद्धा, आस्था और भक्ति का अभूतपूर्व स्थल होगा। दार्शनिक एवं अध्येता और जिज्ञासु भी देश-विदेश से आएंगे। संत रविदास जी का कृतित्व-व्यक्तित्व और दर्शन पूरी दुनिया के लिये प्रेरणादायी होगा।
  • उल्लेखनीय है कि 25 जुलाई, 2023 से सागर ज़िले में संत रविदास जी के मंदिर निर्माण के लिये पाँच अलग-अलग स्थानों (नीमच, मांडव ज़िला धार, श्योपुर, बालाघाट और सिंगरौली) से एक साथ यात्रा निकाली गई थी। इस यात्रा का व्यवस्थित समापन हुआ।
  • इसके पहले प्रदेश के हर गाँव से मिट्टी और सभी विकास खंडों की 313 नदियों से सांकेतिक जल लेकर यात्रा सागर पहुँची। प्रदेश के ज़िलों से होकर संत रविदास मंदिर निर्माण यात्रा गुज़री। मुख्य यात्राओं के साथ 1661 उप यात्रियों द्वारा भी कलश यात्रा निकाली गई। यात्रा के दौरान 352 जन-संवाद हुए। यात्रा के 5 रूटों में 25 लाख से अधिक लोग शामिल हुए।
  • मध्य प्रदेश के 20 हज़ार 641 गांवों की मिट्टी और 313 नदियों के सांकेतिक जल एकत्र कर सागर पहुँची समरसता यात्रा के दौरान संत रविदास जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर केंद्रित 10 रथ निरंतर चलते रहे।

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