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उत्तर प्रदेश

प्रधानमंत्री ने ग्रेटर नोएडा में अंतर्राष्ट्रीय डेयरी महासंघ विश्व डेयरी शिखर सम्मेलन 2022 का उद्घाटन किया

  • 13 Sep 2022
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

12 सितंबर, 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय डेयरी महासंघ विश्व डेयरी सम्मेलन 2022 IDF World Dairy Summit 2022) का उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु 

  • 12 से 15 सितंबर तक आयोजित चार-दिवसीय आईडीएफ डब्ल्यूडीएस 2022, ‘डेयरी फॉर न्यूट्रिशन एंड लाइवलीहुड’के विषय पर केंद्रित उद्योग जगत के दिग्गजों, विशेषज्ञों, किसानों और नीति योजनाकारों सहित वैश्विक व भारतीय डेयरी हितधारकों का एक समूह है।
  • आईडीएफ डब्ल्यूडीएस 2022 में 50 देशों के लगभग 1500 प्रतिभागियों के भाग लेने की उम्मीद है। इस तरह का पिछला शिखर सम्मेलन भारत में लगभग आधी सदी पहले 1974 में आयोजित किया गया था।
  • प्रधानमंत्री ने भारत के सांस्कृतिक परिदृश्य में ‘पशु धन’और दूध से संबंधित व्यवसाय के महत्त्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि विश्व के अन्य विकसित देशों से अलग, भारत में डेयरी सेक्टर की असली ताकत छोटे किसान हैं। भारत के डेयरी सेक्टर की पहचान ‘मास प्रोडक्शन’से ज्यादा ‘प्रोडक्शन बाय मासेस’की है। एक, दो या तीन मवेशियों वाले इन छोटे किसानों के प्रयासों के आधार पर भारत सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है।
  • उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में दूध का उत्पादन 2 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है जबकि भारत में यह 6 प्रतिशत से अधिक की वार्षिक दर से बढ़ रहा है। यह क्षेत्र देश में 8 करोड़ से अधिक परिवारों को रोज़गार प्रदान करता है।
  • सरकार ने डेयरी क्षेत्र की बेहतरी के लिये कई कदम उठाए हैं, जिसके परिणामस्वरूप पिछले आठ वर्षों में दूध उत्पादन में 44 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है।
  • भारतीय डेयरी उद्योग अनूठा है, क्योंकि यह एक सहकारी मॉडल पर आधारित है, जो छोटे और सीमांत डेयरी किसानों, विशेषकर महिलाओं को सशक्त बनाता है।
  • भारतीय डेयरी उद्योग की सफलता की कहानी, जो वैश्विक दूध का लगभग 23 प्रतिशत हिस्सा है, सालाना लगभग 210 मिलियन टन का उत्पादन करती है और 8 करोड़ से अधिक डेयरी किसानों को सशक्त बनाती है, को आईडीएफ डब्ल्यूडीएस 2022 में प्रदर्शित किया जाएगा।
  • इस शिखर सम्मेलन के आयोजन से भारतीय डेयरी को मदद मिलेगी साथ ही किसानों को वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी।
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