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मध्य प्रदेश

प्रधानमंत्री ने ‘श्री महाकाल लोक’ का लोकार्पण कर राष्ट्र को समर्पित किया

  • 12 Oct 2022
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

11 अक्टूबर, 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्जैन के विश्वप्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में ‘श्री महाकाल लोक’का लोकार्पण कर राष्ट्र को समर्पित किया।

प्रमुख बिंदु 

  • प्रधानमंत्री मोदी द्वारा रिमोट का बटन दबाते ही रंगीन कलावे (रक्षा सूत्र) निर्मित शिवलिंग के रूप में भगवान महाकाल मानों स्वयं प्रकट हो गए। साथ ही पूरा वातावरण शिवमय हो गया।
  • प्रधानमंत्री मोदी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्री महाकाल लोक में निर्मित भित्ति-चित्रों, स्तंभों एवं प्रतिमाओं में वर्णित शिव-लीलाओं की जानकारी दी। इस दौरान राज्यपाल मंगूभाई पटेल भी उपस्थित थे।
  • प्रधानमंत्री ने श्री महाकाल लोक में भगवान श्री शंकर की ध्यानस्थ प्रतिमा, सप्तर्षि मंडल आदि का अवलोकन किया। इसके बाद उन्होंने ई-कार्ट में बैठ कर 900 मीटर लंबे ‘श्री महाकाल लोक’परिसर में निर्मित नयनाभिराम धार्मिक-आध्यात्मिक और शिव लीला पर आधारित कला रूपों का अवलोकन किया।
  • भारत के विभिन्न हिस्सों से आए लगभग 700 कलाकारों ने अपने नृत्य, गीत और अभिनय से भगवान शिव की लीलाओं की प्रस्तुति दी। भारत सहित दुनिया के 40 देश इस आध्यात्मिक, अलौकिक, अद्वितीय एवं अद्भुत अनुभूति के साक्षी बने।
  • राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में सिंहस्थ कुंभ-2016 में उज्जैन में विश्वस्तरीय अधो-संरचना का विकास किया गया था। मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में ‘बनारस कॉरीडोर’की तर्ज पर ‘श्री महाकाल लोक’बनाया जा रहा है। ‘श्री महाकाल लोक क्षेत्र विकास परियोजना की अनुमानित लागत 800 करोड़ रुपए है।
  • योजना के प्रथम चरण में भगवान श्री महाकालेश्वर के आँगन में छोटे और बड़े रूद्र सागर, हरसिद्धि मंदिर, चारधाम मंदिर, विक्रम टीला आदि का विकास किया गया है।
  • लोकार्पित प्रथम चरण में 350 करोड़ रुपए से महाकाल प्लाजा, महाकाल कॉरिडोर, मिड-वे जोन, महाकाल थीम पार्क, घाट एवं डेक एरिया, नूतन स्कूल कॉम्प्लेक्स, गणेश स्कूल कॉम्प्लेक्स का कार्य पूर्ण हो चुका है।
  • महाकाल कॉरिडोर के प्रथम घटक में पैदल चलने के लिये उपयुक्त 200 मीटर लंबा मार्ग बनाया गया है। इसमें 25 फीट ऊँची एवं 500 मीटर लंबी म्युरल वाल बनाई गई है। साथ ही, 108 शिव स्तंभ, शिव की मुद्राओं सहित विविध प्रतिमाएँ निर्मित हो चुकी हैं, जो अलग ही छटा बिखेर रही हैं।
  • लोटस पोंड, ओपन एरिया थिएटर तथा लेक फ्रंट एरिया, ई-रिक्शा एवं आकस्मिक वाहनों के लिये मार्ग भी बनाए गए हैं। बड़े रुद्र सागर की झील में स्वच्छ पानी भरा गया है। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया गया है कि यह पानी स्वच्छ भी रहे।
  • श्री महाकाल लोक के दूसरे चरण में महाराजवाड़ा परिसर का विकास किया जाएगा, जिसमें ऐतिहासिक महाराजवाड़ा भवन का हैरिटेज के रूप में पुन: उपयोग, कुंभ संग्रहालय के रूप में पुराने अवशेषों का समावेश कर महाकाल मंदिर परिसर से एकीकरण किया जाएगा। दूसरे चरण के कार्य 2023-24 में पूर्ण होंगे।    
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