उत्तराखंड
कुमाऊँ की सूखती नदियों को सदानीरा बनाएगा पिंडारी ग्लेशियर
- 05 Sep 2022
- 2 min read
चर्चा में क्यों?
4 सितंबर, 2022 को पेयजल निगम के मुख्य अभियंता एससी पंत ने बताया कि पिंडारी ग्लेशियर से निकलने वाली पिंडर नदी की प्रमुख सहायक नदियों को बागेश्वर ज़िले की बैजनाथ घाटी में गोमती नदी, कोसी, लोध और गागास नदियों के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र से जोड़ा जाएगा, जो अगले 50 साल तक पानी की ज़रूरतों को पूरा करेंगी।
प्रमुख बिंदु
- पिंडारी ग्लेशियर से निकलने वाली पिंडर नदी बागेश्वर और अल्मोड़ा ज़िले की सूखती नदियों को सदानीरा बनाने में मदद करेगी। इससे सात बड़े शहरों की आबादी के अलावा करीब एक हज़ार गाँवों को भी फायदा होगा।
- नदियों को बचाने के साथ-साथ यह योजना पेयजल, सिंचाई, विद्युत उत्पादन, क्षेत्र में हरियाली बढ़ाने में भी मददगार साबित होगी। गाँवों से हो रहे पलायन को रोकने में भी मदद मिलेगी।
- गौरतलब है कि भोपाल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई मध्य क्षेत्रीय परिषद की 23वीं बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस योजना का ज़िक्र किया था, ताकि योजना को आगे बढ़ाने में केंद्र की मदद ली जा सके। इस योजना में ढाई से तीन सौ करोड़ रुपए खर्च आने का अनुमान है।
- योजना के तहत पिंडर नदी व उसकी सहायक नदियों सुंदरढूंगा गाड़ और शंभू गाढ़ (समुद्रतल से 22 सौ मीटर ऊँचाई पर स्थित) से करीब 150 किमी. की डेढ़ मीटर व्यास की पाइप लाइन बिछाकर कुमाऊँ के मल्ला पंया गाँव के निकट (समुद्रतल से ऊँचाई 18 सौ मीटर) तक पानी पहुँचाया जाएगा।
- इन नदियों से लगभग 42 क्यूमेक्स (क्यूबिक मीटर प्रति सेकेंड) पानी गंगा की सहायक अलकनंदा नदी में जाता है। इसमें से पाइप लाइन के ज़रिये डेढ़ से दो क्यूमेक्स पानी कुमाऊँ की तरफ मोड़ दिया जाएगा।