बिहार में पी.जी छात्राओं को मैटरनिटी लिव की मिलेगी पूरी छात्रवृत्ति | 20 Jan 2023
चर्चा में क्यों?
19 जनवरी, 2023 को नेशनल मेडिकल कमीशन ने बिहार के सभी मेडिकल कॉलेजों को एक नोटिस जारी किया है, जिसके अनुसार अब मेडिकल कॉलेजों में पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) करने वाली छात्राओं को मातृत्व अवकाश के बाद पढ़ाई पूरी करने में लगने वाले वक्त के लिये भी छात्रवृत्ति दी जाएगी।
प्रमुख बिंदु
- अब बिहार के मेडिकल कॉलेजों में पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) करने वाली छात्राएँ मातृत्व अवकाश में रहती हैं तो उनको आर्थिक नुकसान नहीं होगा। अब इन छात्राओं को मातृत्व अवकाश के बाद जितना समय पढ़ाई को पूरा करने में लगेगा, उस अवधि की छात्रवृत्ति उनको मिलेगी।
- विदित है कि पहले ऐसी छात्राओं को मानवीय आधार पर सिर्फ मातृत्व अवकाश का लाभ मिलता था, पर उनको अपने तीन साल के कोर्स को बाद में पूरा करने के दौरान कोई छात्रवृत्ति नहीं दी जाती थी।
- गौरतलब है कि पोस्ट ग्रेजुएट करने वाली छात्राओं को जूनियर रेसिडेंट के रूप में छात्रवृत्ति दी जाती है। मातृत्व अवकाश के बाद उनको तीन साल की पढ़ाई पूरी करनी है। जितने दिन वह अवकाश में रहती हैं, उसका प्रशिक्षण उतने दिन बाद में पूरा किया जाना होता है। तीन साल के प्रशिक्षण के बाद ही उनको डिग्री दी जाती है।
- ज्ञातव्य है कि बिहार के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में तीन साल का पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स होता है। इसमें विद्यार्थियों को पहले साल प्रति माह 68,545 रुपए छात्रवृत्ति दी जाती है, जबकि द्वितीय वर्ष में प्रति माह 75,399 रुपए छात्रवृत्ति के रूप में दिये जाते हैं। इसी तरह तृतीय वर्ष के प्रशिक्षण के दौरान पोस्ट ग्रेजुएट करने वाली छात्राओं को 82 हज़ार रुपए प्रति माह छात्रवृत्ति दी जाती है।