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झारखंड

सिकल सेल एनीमिया रोगियों को पेंशन लाभ

  • 20 Jun 2024
  • 4 min read

चर्चा में क्यों ?

अधिकारियों के अनुसार, झारखंड के खूंटी ज़िले में सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित लोगों को 1,000 रुपए मासिक पेंशन मिलेगी।

मुख्य बिंदु:

  • खूंटी ज़िला प्रशासन ने स्वामी विवेकानंद निशक्त स्वावलंबन प्रोत्साहन योजना के तहत सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित व्यक्तियों के लिये पेंशन लाभ को स्वीकृति दे दी है।
  • पहले चरण में विभिन्न ब्लॉकों से नौ लाभार्थियों की पहचान की गई है- खूंटी और कर्रा से तीन-तीन, मुरहू से दो तथा तोरपा ब्लॉक से एक
  • यदि कोई सिकल सेल रोग का मामला सामने आता है या बाद में इसकी पहचान की जाती है तो उसे इस योजना के तहत कवर किया जाएगा।
  • ज़िले में अब तक 99,165 लोगों की सिकल सेल जाँच की गई है।
  • इनमें से 114 सिकल सेल रोग के वाहक पाए गए तथा कुल 46 व्यक्ति सिकल सेल एनीमिया-थैलेसीमिया रोग से पीड़ित पाए गए
  • इनमें से नौ ऐसे लोग हैं जो 40 प्रतिशत या उससे अधिक सिकल सेल एनीमिया-थैलेसीमिया रोग से पीड़ित हैं, उन्हें दिव्यांगता प्रमाण-पत्र के आधार पर योजना के तहत पेंशन दी जा रही है।

स्वामी विवेकानंद निशक्त स्वावलंबन प्रोत्साहन योजना

  • यह झारखंड सरकार के महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा शुरू की गई योजना है
  • इसका उद्देश्य पाँच वर्ष या उससे अधिक आयु के दिव्यांग जनों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है, जिन्हें वित्तीय सहायता की आवश्यकता है
  • यह योजना प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के रूप में संचालित होती है, जहाँ पेंशन राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में स्थानांतरित की जाती है।

सिकल सेल रोग

  • सिकल सेल रोग एक आनुवंशिक रक्त विकार है, जो हीमोग्लोबिन (लाल रक्त कोशिकाओं में ऑक्सीजन परिसंचरण के लिये ज़िम्मेदार प्रोटीन) में असामान्यता के कारण होता है
  • इस विकार में लाल रक्त कोशिकाओं का आकार अर्द्धचंद्राकार हो जाता है और वाहिकाओं के माध्यम से उनकी गति बाधित होती है, जिससे गंभीर दर्द, संक्रमण, एनीमिया  तथा स्ट्रोक जैसी संभावित जटिलताएँ हो सकती हैं
  • केवल भारत में प्रत्येक वर्ष अनुमानतः 30,000-40,000 बच्चे सिकल सेल रोग के साथ पैदा होते हैं।

थैलेसीमिया

  • सिकल सेल रोग की तरह ही थैलेसीमिया से पीड़ित व्यक्ति कम हीमोग्लोबिन के स्तर के कारण गंभीर एनीमिया का अनुभव करते हैं, जिसके उपचार के लिये आजीवन रुधिर आधान और आयरन संचय को प्रबंधित करने के लिये केलेशन थेरेपी की आवश्यकता होती है। 
  • प्रमुख लक्षणों में थकान, पीलापन या पीलिया, साँस की तकलीफ, शारीरिक विकास में विलंब, चेहरे की हड्डी की विकृति (गंभीर मामलों में) आदि शामिल हैं।
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