पटना के चार सरकारी सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल होंगे स्वायत्त | 31 Jan 2023
चर्चा में क्यों?
30 जनवरी, 2023 को बिहार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान की तर्ज़ पर राज्य के चार सरकारी सुपरस्पेशियलिटी अस्पतालों को स्वायत्तता मिलेगी।
प्रमुख बिंदु
- सरकारी सुपरस्पेशियलिटी अस्पतालों को स्वायत्तता देने से इन संस्थानों की सरकार पर निर्भरता कम होगी और बेहतर इलाज़, शैक्षणिक गतिविधियाँ एवं विकास करने की क्षमता विकसित होगी।
- जिन संस्थानों को स्वायत्तता देने की दिशा में पहल आरंभ की गई है, उनमें इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान (आईजीआईसी), राजेंद्र नगर नेत्र रोग अस्पताल, न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल और लोकनायक जयप्रकाश नारायण हड्डी रोग अस्पताल, शास्त्रीनगर शामिल हैं।
- सूत्रों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग में इसका प्रारूप तैयार किया जा रहा है। पहले कागज़ी कार्रवाई की जा रही है, जिसमें विभाग सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों को परिभाषित कर रहा है।
- इसके अलावा स्वायत्त संस्थानों में शक्ति को परिभाषित किया जा रहा है, जिससे संस्थान को संचालित करने की शक्ति किन-किन पदों को सौंपी जाएगी, निदेशक की नियुक्ति किस विधि से की जाएगी और इन सभी स्वायत्त होने वाले संस्थानों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर का गठन किस प्रकार से किया जाएगा, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की क्या शक्ति होगी और निदेशक की भूमिका क्या होगी आदि का निर्धारण होगा।
- इन सुपरस्पेशियलिटी अस्पतालों को स्वायत्तता देने के बाद विशेषज्ञों की नियुक्ति, कर्मचारियों की नियुक्ति, दवा खरीदने की विधि, साफ-सफाई और सुरक्षा एजेंसियों की आउटसोर्सिंग कैसे की जाएगी। संस्थान को फीस निर्धारित करने की शक्ति क्या होगी, जैसे- मरीज़ के पंजीकरण, पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी जाँच, ओपीडी शुल्क या आईपीडी शुल्क क्या होगा। यह शुल्क मरीज़ों से लिया जाएगा या मुफ्त इलाज़ की सुविधाएँ दी जाएंगी आदि का प्रारूप तैयार किया जा रहा है।
- राजधानी के चारों अस्पतालों में डीएनबी कोर्स संचालित किया जाएगा। डीएनबी कोर्स में क्या सीट होगी और उनके प्रशिक्षण की क्या व्यवस्था होगी, इन सभी बातों पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभागीय स्तर पर काम शुरू हो गया है।