नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 16 जनवरी से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



State PCS Current Affairs

हरियाणा

पगड़ी संभाल जट्टा आंदोलन

  • 25 Feb 2025
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

23 फरवरी 2025 को पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के चाचा अजीत सिंह को सम्मानित करने के लिये पगड़ी संभाल दिवस मनाया।

मुख्य बिंदु 

  • अजीत सिंह के बारे में:
    • जन्म और प्रारंभिक जीवन: अजीत सिंह का जन्म 23 फरवरी, 1881 को खटकर कलां गाँव, पंजाब (अब शहीद भगत सिंह नगर ज़िले का हिस्सा) में हुआ था।
    • स्वतंत्रता सेनानी और क्रांतिकारी: वह एक प्रमुख राष्ट्रवादी नेता थे और उन्होंने अपने भतीजे भगत सिंह को प्रेरित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
    • निर्वासन और संघर्ष: पगड़ी संभाल जट्टा आंदोलन में उनकी भूमिका के कारण, अंग्रेज़ो ने उन्हें निशाना बनाया और 1909 से 1947 तक निर्वासन में रहने के लिये मजबूर किया।
    • वापसी और मृत्यु: वे मार्च 1947 में भारत लौट आए लेकिन 15 अगस्त 1947 को डलहौज़ी में अस्वस्थता के कारण उनकी मृत्यु हो गई। यह वही दिन था जब भारत स्वतंत्र हुआ था।

pagri sambhal jatta movement

  •  पगड़ी संभाल  जट्टा आंदोलन:
    • प्रारंभ और अर्थ: अजीत सिंह ने वर्ष 1907 में अंग्रेज़ो द्वारा लगाए गए तीन दमनकारी कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन शुरू किया।
    • "पगड़ी संभाल जट्टा" वाक्यांश का अर्थ है "अपनी पगड़ी का ध्यान रखना, हे किसान", जो आत्म-सम्मान और सम्मान का प्रतीक है।
  • दमनकारी कानून:
    • पंजाब भूमि हस्तांतरण अधिनियम, 1900 - किसानों के भूमि बेचने या गिरवी रखने के अधिकार को प्रतिबंधित कर दिया गया, जिससे ज़मींदारों और साहूकारों को लाभ हुआ।
    • पंजाब भूमि उपनिवेशीकरण अधिनियम, 1906 - चिनाब कॉलोनी (अब पाकिस्तान में) में किसानों के उत्तराधिकारियों के बजाए अंग्रेज़ो को भूमि स्वामित्व हस्तांतरित कर दिया गया।
    • दोआब बारी अधिनियम, 1907 - किसानों से भूमि स्वामित्व के अधिकार छीन लिये  गए तथा उन्हें ठेका मज़दूर बना दिया गया।
    • अतिरिक्त बोझ: अंग्रेज़ो ने कृषि भूमि और सिंचाई जल पर भी कर बढ़ा दिया, जिससे छोटे किसानों पर व्यापक ऋण और भूमि हानि बढ़ गई।
  • आंदोलन का प्रभाव:
    • बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन: इस आंदोलन के कारण बड़े पैमाने पर किसानों ने अन्यायपूर्ण कानूनों को निरस्त करने की मांग की।
    • भारत माता सोसाइटी का गठन: अजीत सिंह और किशन सिंह (भगत सिंह के पिता) ने भारत माता सोसाइटी की स्थापना की, जो किसानों का समर्थन करने वाला एक क्रांतिकारी समूह था।
    • नारा: राष्ट्रवादी कवि बांके दयाल ने "पगड़ी संभाल जट्टा" का नारा गढ़ा, जो अवज्ञा का प्रतीक बन गया।
    • ब्रिटिश प्रतिक्रिया: बढ़ते दबाव के कारण ब्रिटिशों ने कुछ दमनकारी धाराएँ वापस ले लीं।
    • भविष्य के आंदोलनों पर प्रभाव: इस आंदोलन ने भविष्य के विद्रोहों की नींव रखी तथा गदर आंदोलन और भगत सिंह की क्रांतिकारी गतिविधियों को प्रेरित किया।
    • गिरफ्तारी और निर्वासन: मई 1907 में, अजीत सिंह और लाला लाजपत राय को गिरफ्तार कर लिया गया और बर्मा (अब म्यांमार) निर्वासित कर दिया गया, लेकिन जनता के दबाव के कारण नवंबर 1907 में उन्हें रिहा कर दिया गया। 
      • बाद में अजीत सिंह फारस, तुर्की, ब्राज़ील, जर्मनी और इटली चले गए और लाला हरदयाल और मैडम कामा जैसे क्रांतिकारियों के साथ काम किया।
  • पगड़ी संभाल दिवस:
    • किसान वर्ष 2021 से 23 फरवरी को पगड़ी संभाल दिवस के रूप में मना रहे हैं, जो अजीत सिंह की जयंती के साथ मेल खाता है।
    • वर्ष 2021 किसान विरोध प्रदर्शन: दिल्ली सीमा पर विरोध प्रदर्शन के दौरान, किसानों ने तीन कृषि कानूनों (अब समाप्त) को निरस्त करने की मांग करते हुए पगड़ी संभाल दिवस मनाया।
    • 2024 विरोध प्रदर्शन: 13 फरवरी, 2024 से किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी गारंटी और अन्य अधिकारों की मांग को लेकर पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2