एक अनूठे कार्यक्रम ‘पदमा’की हुई शुरुआत | 24 Feb 2022
चर्चा में क्यों?
23 फरवरी, 2022 को हरियाणा सरकार ने महत्त्वाकांक्षी ‘प्रोग्राम टू एक्सलरेट डेवलपमेंट फॉर एमएसएमई एडवांसमेंट (पदमा)’ पहल की शुरुआत की।
प्रमुख बिंदु
- पदमा का मुख्य उद्देश्य सतत् रोज़गार व उद्यमिता के अवसरों पर ज़ोर देने के साथ-साथ संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने के लिये क्लस्टर दृष्टिकोण का लाभ उठाकर ब्लॉक स्तर पर सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों पर केंद्रित विकासात्मक हस्तक्षेपों को डिज़ाइन और कार्यान्वित करना है।
- इस कार्यक्रम के तहत स्थानीय रूप से प्रासंगिक उत्पादों को बढ़ावा देने पर विशेष ज़ोर दिया जाएगा और राज्य के किसानों को उत्पादकों से लेकर प्रोसेसर बनने का अवसर प्रदान किया जाएगा। साथ ही पूरे हरियाणा में समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास को प्रोत्साहित किया जाएगा।
- राज्य के 22 ज़िलों के प्रत्येक ब्लॉक में स्थानीय रूप से उपलब्ध संसाधनों, मौजूदा एमएसएमई पारिस्थितिकी तंत्र, हितधारकों के परामर्श, कच्चे माल की उपलब्धता, जनसांख्यिकीय प्रोफाइल और विकास क्षमता के आधार पर सतत् व लागत प्रभावी क्लस्टर बनाने के लिये एक उत्पाद की पहचान की गई है।
- राज्य सरकार द्वारा चयनित उत्पाद हेतु जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिये प्रत्येक ब्लॉक हेतु एक नया मिनी-औद्योगिक क्लस्टर विकसित किया जाएगा, ताकि उत्पाद की संपूर्ण मूल्य शृंखला को मज़बूत किया जा सके।
- यह परिकल्पना की गई है कि प्रत्येक क्लस्टर कॉमन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी) और बिज़नेस डेवलपमेंट सर्विस (बीडीएस) हब के साथ कई नए एमएसएमई को स्थापित करेगा।
- मिनी-औद्योगिक क्लस्टर में उद्यमियों, कारीगरों और श्रमिकों को उनके सामने आने वाली तकनीकी एवं जागरूकता चुनौतियों से निपटने के लिये प्रशिक्षण सुविधाएँ भी प्रदान की जाएंगी।
- उल्लेखनीय है कि एमएसएमई निदेशालय पदमा कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिये नोडल विभाग है। एमएसएमई निदेशालय के अलावा, अन्य संबंधित विभाग, जैसे- एचएसआईआईडीसी, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग तथा कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग सहयोग करेंगे और कार्यक्रम के सुचारु निष्पादन के लिये आवश्यक सहायता प्रदान करेंगे।