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छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में हुआ धान खरीदी का शुभारंभ

  • 02 Nov 2022
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

1 नवंबर, 2022 को खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में धान खरीदी का काम शुरू हो गया। राज्य में धान खरीदी 31 जनवरी, 2023 तक जारी रहेगी।

प्रमुख बिंदु 

  • पहले दिन 775 उपार्जन केंद्रों द्वारा 10 हज़ार 257 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई। प्रथम दिवस में 3 हज़ार 951 किसानों द्वारा धान बेचा गया।
  • इस साल 110 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की तैयारी शासन द्वारा की गई है। इस वर्ष 2497 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं। धान विक्रय के लिये 25 लाख 93 हज़ार किसानों ने पंजीयन कराया है। धान का कुल पंजीकृत रकबा 13 लाख हेक्टेयर है। इस वर्ष 2 लाख 3 हज़ार नए किसानों ने पंजीकरण कराया है।
  • पहले दिन के लिये 5341 टोकन जारी किये गए थे। टोकन तुंहर हाथ ऐप के माध्यम से 268 टोकन जारी किये गए। पहले दिन के धान उपार्जन के लिये किसानों को भुगतान करने के लिये मार्कफेड द्वारा 279 करोड़ रुपए अपेक्स बैंक को जारी किये गए हैं।
  • प्रदेश में राजीव गांधी किसान न्याय योजना लागू होने के बाद हर साल किसानों की संख्या और खेती के रकबे में बढ़ोतरी हुई है। साथ ही हर साल धान खरीदी का नया रिकॉर्ड भी बन रहा है।
  • खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में 97.98 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई थी, जो राज्य निर्माण के बाद से अब तक का एक रिकार्ड है। तब 21 लाख 77 हज़ार किसानों ने धान बेचा था। उन्हें 19038.04 करोड़ रुपए के समर्थन मूल्य का भुगतान किया गया था। इसके अलावा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत उन्हें इनपुट सब्सिडी का लाभ भी मिला है। 
  • इससे पहले वर्ष 2020-21 में 02 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन हुआ था। 20.53 लाख किसानों ने धान का विक्रय किया था। उन्हें 17240.55 करोड़ रुपए समर्थन मूल्य का भुगतान किया गया था। इसके अलावा राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ भी उन्हें मिला था।
  • वर्ष 2019-20 में 94 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन हुआ था। 18.38 लाख किसानों ने धान बेचा था। उन्हें 15285.85 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया था। इसके अलावा राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ भी उन्हें मिला था।
  • वर्ष 2018-19 में राज्य शासन ने 2500 रुपए क्विंटल के भाव से 80.38 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की थी। किसानों को समर्थन मूल्य समेत 20094.32 करोड़ रुपए का कुल भुगतान किया गया था।
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