उत्तर प्रदेश
प्रदेश में खुलेगी ओपन जेल
- 17 Jun 2023
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चर्चा में क्यों
15 जून, 2023 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कारागार विभाग की समीक्षा के दौरान कहा कि जेलों को ‘सुधार गृह’के रूप में स्थापित किया जाए। साथ ही, उन्होंने ओपन जेल की स्थापना के लिये विधिवत प्रस्ताव तैयार करने के भी निर्देश दिये।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने कहा कि ओपन जेल की स्थापना उपयोगी हो सकती है। वर्तमान में लखनऊ में एक सेमी ओपन जेल संचालित है। ओपन जेल की स्थापना के लिये विधिवत प्रस्ताव तैयार करें।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जेलों में मोबाइल के इस्तेमाल पर कड़ी सजा का नियम बनाने का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने कुख्यात आतंकियों और शातिर अपराधियों की गहन निगरानी के लिये हाई सिक्योरिटी बैरक बनाने के निर्देश दिये हैं।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में नए प्रिजन एक्ट तैयार करके लागू किया जाए। वर्तमान में जेल अधिनियम 1894 और कैदी अधिनियम 1900 आज़ादी के पूर्व से प्रचलन में हैं। भविष्य के दृष्टिगत नया अधिनियम लागू करने की आवश्यकता है।
- उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने हाल ही में मॉडल प्रिजन अधिनियम 2023 तैयार किया है। यह कैदियों के सुधार तथा पुनर्वास की दृष्टि से अत्यंत उपयोगी है। इसके अनुरूप प्रदेश का नया प्रिजन एक्ट तैयार किया जाए।
- कैबिनेट ने विगत दिनों नई जेल मैन्युअल को अनुमोदित किया है। कैदियों का सुरक्षा मूल्यांकन, शिकायत निवारण, कारागार विकास बोर्ड, कैदियों के प्रति व्यवहार में बदलाव एवं महिला कैदियों व ट्रांसजेंडर आदि के लिये अलग आवास का प्रावधान जैसी व्यवस्था लागू की जाए।
- उन्होंने कहा कि जेल में अच्छे आचरण को प्रोत्साहित करने के लिये कैदियों को कानूनी सहायता, पेरोल और समय से पहले रिहाई का लाभ मिलना चाहिये। नए एक्ट में इसका प्राविधान हो।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि बंदियों के प्रवेश एवं निकास ई-प्रिजन के माध्यम से कराए जा रहे हैं। प्रिजनर्स इंफार्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम, विजिटर मैनेजमेंट सिस्टम, ई-अभिरक्षा प्रमाण-पत्र, पुलिस इंटेलीजेंस सिस्टम भी लागू है। जेलों में 4200 से अधिक सीसीटीवी लगे हैं, जिनकी निगरानी मुख्यालय में स्थापित वीडियोवॉल से की जाती है। उन्होंने कहा कि ड्रोन कैमरों को वीडियोवॉल से एंटीग्रेट कर मॉनीटरिंग की जाए।