‘एक तहसील एक उत्पाद’योजना | 28 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘एक ज़िला एक उत्पाद’(ODOP) योजना की सफलता के बाद ‘एक तहसील एक उत्पाद’योजना शुरू करने का निर्णय लिया है, जिसके ज़रिये तहसील स्तर पर प्रोडक्ट को बढ़ावा मिलने के साथ ही युवाओं को नए रोज़गार मिलेंगे।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एमएसएमई विभाग इस संबंध में कार्य कर रहा है। पहले चरण में ज़िले के स्थानीय प्रशासन से मिलकर तहसीलवार खास उत्पादों की सूची तैयार करेगा।
- गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की ज़्यादातर तहसीलों या उनके किसी खास कस्बे का कोई उत्पाद उनकी पहचान है, जैसे- गोरखपुर के कैंपियरगंज के रमचौरा के कच्चे केले, फरेंदा महराजगंज की हरी मटर, हरदोई के संडीला का लड्डू, कुशीनगर के दुदही ब्लॉक में हल्दी की खेती आदि।
- यह संभावना है कि ODOP की तर्ज़ पर अगर इन उत्पादों की पैकेजिंग, डिज़ाइनिंग, ब्रांडिंग, मार्केटिंग, ज़रूरत के मुताबिक पूंजी की उपलब्धता और इनसे जुड़े लोगों के कौशल को निखारने के लिये प्रशिक्षण आदि की सुविधाएँ उपलब्ध करा दी जाएँ तो इनकी भी संभावनाएँ ODOP (One District One Product) की तरह ही बढ़ जाएंगी।
- वक्त के साथ इन उत्पादों के ज़रिये ब्रांड यूपी देश-दुनिया में और मज़बूत होगा। एक तरीके से यह ‘एक ज़िला, एक उत्पाद’का ही विस्तार होगा।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने पहले कार्यकाल में 24 जनवरी, 2018 को उत्तर प्रदेश के पहले स्थापना दिवस की शुरुआत करते हुए ODOP योजना लॉन्च की थी, जिसका अच्छा रिस्पॉन्स मिला था। इसलिये राज्य सरकार ने ‘एक तहसील एक उत्पाद’योजना पर काम करने का निर्णय लिया है।