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मध्य प्रदेश

विश्व की सबसे बड़ी सौर परियोजना ‘ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना’ के अनुबंध पर

  • 05 Aug 2022
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

4 अगस्त, 2022 को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे हॉल में 600 मेगावाट की ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना के अनुबंध पर हस्ताक्षर तथा ऊर्जा साक्षरता अभियान की ऊर्जा आकलन मार्गदर्शिका का विमोचन किया गया।

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में एनएचडीसी लिमिटेड, एएमपी एनर्जी तथा एसजेवीएन लिमिटेड के साथ अनुबंध हस्ताक्षर तथा उनका आदान-प्रदान किया गया।
  • मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस अवसर पर कहा कि 2027 तक मध्य प्रदेश की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 20 हज़ार मेगावाट होगी। मध्य प्रदेश को ‘हार्ट ऑफ इंडिया’ के साथ ‘लंग्स ऑफ इंडिया’ बनाने के मार्ग पर राज्य सरकार अग्रसर है।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व में वर्तमान में 10 फ्लोटिंग सोलर प्लांट हैं। ओंकारेश्वर परियोजना जल पर बनने वाली विश्व की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सौर परियोजना होगी। इसके प्रथम चरण में 278 मेगावाट की क्षमता स्थापित होगी। इस परियोजना के क्रियान्वयन में भूमि की आवश्यकता नहीं है। परिणामस्वरूप किसी का भी विस्थापन नहीं होगा।
  • यह वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित है कि जल आधारित परियोजना में बिज़ली का उत्पादन भूमि आधारित सोलर परियोजना की तुलना में अधिक होता है। पानी की सतह पर सौर पैनल लग जाने से पानी भाप बनकर नहीं उड़ेगा। इससे 60 से 70 प्रतिशत तक पानी को बचाया जा सकेगा।
  • मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि परियोजना से 12 लाख मीट्रिक टन कार्बन-डाईऑक्साइड के उत्सर्जन को रोका जा सकेगा। यह एक करोड़ 52 लाख पेड़ लगाने के बराबर है।
  • उन्होंने कहा कि प्रदेश वर्ष 2030 तक अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति नवीकरणीय ऊर्जा से करने के लिये मिशन मोड में कार्य कर रहा है। राज्य सरकार ने नई नवीकरणीय ऊर्जा नीति-2022 का क्रियान्वयन आरंभ कर दिया है।
  • प्रदेश में ग्रीन सिटी के विकास की अवधारणा को भी मूर्तरूप दिया जा रहा है। छतरपुर, मुरैना, आगर, शाजापुर और नीमच ज़िलों में सौर परियोजनाओं पर कार्य जारी है।
  • ग्राम स्तर तक सोलर पैनल के उपयोग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। सभी शासकीय कार्यालयों की छतों पर सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं। चंबल के बीहड़ों की भूमि को सुधार कर क्षेत्र का उपयोग सौर ऊर्जा उत्पादन में किया जाएगा।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबलवार्म़िग और जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याओं का सामना जन-भागीदारी से ही किया जा सकता है। ऊर्जा साक्षरता अभियान की ऊर्जा आकलन मार्गदर्शिका का विमोचन भी इसी उद्देश्य से किया गया है। अभियान में स्कूल, कॉलेज के विद्यार्थियों और जन-साधारण को बिजली बचाने के लिये संवेदनशील एवं ज़िम्मेदारीपूर्ण व्यवहार हेतु प्रेरित और प्रशिक्षित करना होगा।
  • मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष गिर्राज दंडोतिया ने कहा कि ओंकारेश्वर परियोजना जलवायु परिवर्तन की चुनौती के बीच ऊर्जा का सुरक्षित स्रोत है। इससे भूमि की भी बचत होगी, जिसका उपयोग प्रदेश में कृषि तथा अन्य उद्योगों की स्थापना में किया जा सकेगा।
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