उत्तराखंड
आयोग के प्रस्ताव को शासन ने लौटाया, अब उत्तराखंड में पुराने पैटर्न पर ही होगी PCS परीक्षा
- 27 Apr 2023
- 3 min read
चर्चा में क्यों?
26 अप्रैल, 2023 को उत्तराखंड शासन ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के यूपीएससी पैटर्न लागू करने के प्रस्ताव को ठुकराकर आयोग को वापस भेज दिया। पीसीएस परीक्षा का पैटर्न नहीं बदलेगा। आगामी पीसीएस परीक्षा पुराने पैटर्न से ही होगी।
प्रमुख बिंदु
- अपर सचिव ललित मोहन रयाल ने इस संबंध में सचिव उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को शासनादेश भेज दिया है।
- गौरतलब है कि राज्य लोक सेवा आयोग ने पिछले दिनों एक प्रस्ताव पास किया था कि चूँकि युवाओं को सिविल सेवा परीक्षा के लिये अलग और उत्तराखंड पीसीएस के लिये अलग तैयारी करनी पड़ती है, इसलिए राज्य के युवाओं के हित में पीसीएस परीक्षा में यूपीएससी का सिविल सेवा परीक्षा पैटर्न लागू कर दिया जाए।
- इस प्रस्ताव को लेकर प्रदेश भर से मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ आईं थीं। कई लोगों का ये कहना था कि अगर राज्य में भी केंद्र का यूपीएससी पैटर्न लागू कर देंगे तो राज्य के युवाओं के लिये पीसीएस की राह मुश्किल हो जाएगी। यह भी मांग उठी थी कि अगर यूपीएससी पैटर्न लागू करें तो इसमें उत्तराखंड से जुड़े प्रश्नपत्र अलग रखे जाएँ।
- पीसीएस परीक्षा पैटर्न को लेकर आयोग और शासन के अधिकारियों के बीच कई दौर की बैठक भी हुई। अब शासन ने तय किया है कि फिलहाल पुराना पैटर्न ही लागू रहेगा। आगामी पीसीएस परीक्षा उसी पैटर्न पर होगी। इसमें किसी तरह का बदलाव स्वीकार नहीं किया गया है।
- इस पुराने पैटर्न पर होगी परीक्षा-
- पीसीएस प्री परीक्षा: 150 अंकों का सामान्य अध्ययन और 150 अंकों का सामान्य बुद्धिमत्ता परीक्षा।
- पीसीएस मुख्य परीक्षा: सात पेपर होते हैं। पहला- भाषा (300 अंकों का), दूसरा- भारत का इतिहास, राष्ट्रीय आंदोलन, समाज एवं संस्कृति (200 अंकों का), तीसरा- भारतीय राजव्यवस्था, सामाजिक न्याय एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध (200 अंकों का), चौथा- भारत एवं विश्व भूगोल (200 अंकों का), पाँचवा- आर्थिक एवं सामाजिक विकास (200 अंकों का), छठा- सामान्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (200 अंकों का) और सातवाँ- सामान्य अभिरुचि एवं आचार शास्त्र (200 अंकों का)। पीसीएस परीक्षा में भाषा के पेपर में कम-से-कम 35 अंक लाने जरूरी हैं।
- इंटरव्यू: 200 अंकों का।