छत्तीसगढ़
अब होटलों के मेन्यू में शामिल होंगे मिलेट्स के बने व्यंजन
- 21 Dec 2022
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चर्चा में क्यों?
20 दिसंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राजधानी रायपुर समेत छत्तीसगढ़ के होटलों के मेन्यू में मिलेट्स आधारित व्यंजनों को शामिल किया जाएगा। इस संबंध में संयुक्त संचालक कृषि और राजधानी रायपुर के 64 होटल संचालकों के बीच बैठक हुई।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष-2023 घोषित किया गया है, जिससे मिलेट्स के उत्पाद को जनसामान्य के दैनिक आहार में शामिल कर उपभोग को बढ़ावा देने हेतु प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
- इसी कड़ी में बीते दिनों कृषि विभाग की ओर से रायपुर क्षेत्र के होटल, रेस्टोरेंट, मार्ट के संचालकों व प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर मिलेट उत्पाद के प्रचार-प्रसार के साथ प्रतिष्ठान के मेन्यू में मिलेट्स उत्पाद को शामिल करने का आग्रह किया गया। इससे ग्राहकों को मिलेट्स आधारित व्यंजन सुगमतापूर्वक उपलब्ध हो सकेगा।
- मिलेट्स में पाए जाने वाले पोषक तत्त्वों के फायदे की वजह से मिलेट्स का दैनिक आहार में उपभोग बढ़ाने पर चर्चा की गई। इससे मिलेट्स फसल क्षेत्र वृद्धि व उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा। होटल, रेस्टोरेंट संचालकों ने मिलेट्स आधारित व्यंजनों व उत्पादों को अपने प्रतिष्ठान के मेन्यू में शामिल करने का आश्वासन दिया।
- मिलेट्स में पोषक तत्त्वों की अधिकता के कारण इसे न्यूट्रीसीरियल्स भी कहा जाता है। इसमें प्रोटीन, रेशा, थायमिन, राइबोफ्लेविन, फॉलिक एसिड, कैल्शियम, फास्फोरस आदि अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। मिलेट्स में मुफ्त ग्लूकोज बहुत कम समय के लिये होता है, जो मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिये उपयुक्त आहार है।
- मिलेट्स फसल में शामिल रागी में प्रोटीन व कैल्शियम अधिक मात्रा में पाए जाते हैं, जो हड्डियों को मज़बूत बनाने एवं कुपोषण दूर करने में सहायक हैं। रागी रेशा उदर विकार, उच्च रक्तचाप तथा आँतों के कैंसर से शरीर की रक्षा करता है।
- इसी तरह कुटकी में 37-38 प्रतिशत तक रेशा होता है, जो शिशु खाद्य पदार्थ, स्नैक्स एवं अन्य प्रंसस्कृत उत्पाद के लिये उपयोगी खाद्य घटक है। वहीं कोदो में प्रोटीन 11 एवं रेशा 14 प्रतिशत तक पाया जाता है, जो हृदय विकार, उच्च रक्तचाप तथा उच्च कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित लोगों के लिये उत्तम आहार है।
- उल्लेखनीय है कि मिलेट फसल के फसल क्षेत्र वृद्धि एवं उत्पादन बढ़ाने के साथ ही फसल के उपार्जन, प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन करते हुए आमजन तक सुगमता से उत्पाद पहुँचाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ शासन द्वारा ‘मिलेट मिशन’ लागू किया गया है। छत्तीसगढ़ में मिलेट्स फसलों में प्रमुख रूप से कोदो, कुटकी, रागी एवं ज्वार व बाजरा का उत्पादन किया जाता है।
- आँकड़ों पर नज़र डालें तो प्रदेश में उत्पादित कोदो, कुटकी एवं रागी का छत्तीसगढ़ राज्य लघुवनोपज संघ के माध्यम से वर्ष 2021 में 52,728 क्विंटल उपार्जन किया गया। वहीं वर्ष 2022-23 में 13 हज़ार टन मिलेट्स उपार्जन का लक्ष्य है।
- मिलेट्स से रागी खीर, लड्डू, माल्ट, केक, सेवईं, इडली, हलवा, पुलाव, कुटकी खीर, कुटकी चाय, जैम, कोदो खीर, ज्वार चॉकलेट, ब्राउनी आदि बनाए जाते हैं। कोदो व कुटकी को मुख्य भोजन के रूप में उपयोग में लाया जाता है।