उत्तर प्रदेश में अब स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन की तर्ज पर बनेंगे स्पेशल शैक्षिक ज़ोन | 19 Sep 2023
चर्चा में क्यों?
- 18 सितंबर, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश में अब विशेष आर्थिक परिक्षेत्र (एसईजेड) की तर्ज पर विशेष शैक्षिक परिक्षेत्र बनेंगे। ये परिक्षेत्र युवा आबादी, प्रति व्यक्ति आय, इंफ्रास्ट्रक्चर व साक्षरता दर के आधार पर तय होंगे।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि पहले चरण में नोएडा, लखनऊ में यह विशेष शिक्षा परिक्षेत्र आकार ले सकता है।
- इस योजना के लिये इंफ्रास्ट्रक्चर पार्टनर को जिम्मेदारी दी जाएगी। इसके लिये शैक्षिक संस्थाओं की अनुपयोगी ज़मीन भी चिन्हित की जा रही है, जिसका उपयोग इस एसइजेड के लिये हो सकता है।
- यह एजूकेशन क्लस्टर बहुआयामी शिक्षा, शोध व कौशल विकास पर काम करेंगे। इसके लिये अब विस्तृत कार्ययोजना बन रही है और उसके बाद विशेष शैक्षिक ज़ोन के लिये लोकेशन को अंतिम रूप दिया जाएगा।
- वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लिये अमेरिकन सलाहकार कंपनी डेलायट की विभिन्न सेक्टरों में दी गई रिपोर्ट को विभागों के सहयोग से लागू करने पर उत्तर प्रदेश सरकार ने मंजूरी दे दी है। इसी के तहत अब उच्च व तकनीकी शिक्षा में निजी विश्वविद्यालय, निजी निवेशकों व शैक्षिक संगठनों से आगे की योजना पर बैठकें शुरू हो गईं हैं।
- डेलायट का कहना है कि शैक्षिक जगत को उद्योग से सीधा जोड़कर राज्य के लाखों स्नातकों को रोज़गार दिलाया जा सकता है। इसके लिये विशेष शिक्षा क्षेत्र, निजी विश्वविद्यालयों को निवेश के लिये प्रोत्साहित करना, उच्च शिक्षा में अधिक से अधिक छात्रों को प्रवेश, दिलाने जैसे काम किये जाने बहुत जरूरी हैं।
- विदित है कि डेलायट की रिपोर्ट में बताया गया है कि 10851 छात्रों को निजी कंपनियों में रोज़गार मिला है। यह साल 2022 से 10 प्रतिशत ज्यादा है।
- पालीटेक्निक कॉलेजों में 365340 सीटें भरी हैं, इसमें पिछले साल के मुकाबले 63 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। छह पालीटेक्निक पीपीपी मॉडल पर चल रहे हैं। राजकीय पालीटेक्निक में शुरू हुए नये पाठ्यक्रमों के लिये 1575 सीटें हैं।